पटना, 14 अगस्त — बिहार का गौरव ‘सुधा’ अब देश की सीमाओं को पार कर वैश्विक बाजार में अपनी अलग पहचान बना रहा है। बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन (कॉम्फेड) के इस ब्रांड ने अमेरिका और कनाडा में सफलतापूर्वक अपने उत्पाद पहुंचाए हैं, जहां इन्हें खूब सराहा जा रहा है। जल्द ही यूएई, सऊदी अरब और सिंगापुर में भी सुधा उत्पादों की आपूर्ति शुरू होने वाली है।
मार्च 2025 में कॉम्फेड ने अमेरिका और कनाडा को सुधा घी (1, 5 और 10 किग्रा पैक), मखाना (250 ग्राम पैक) और गुलाब जामुन (1 किग्रा पैक) निर्यात किए थे। वहां इनकी मांग उम्मीद से कहीं अधिक रही। इस सफलता के बाद नालंदा और बरौनी स्थित डेयरी प्लांट्स को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया गया है। उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ISO, FSSAI, BIS और CAS मानकों का पालन किया जा रहा है।
भारत में भी बढ़ रही लोकप्रियता
बिहार के साथ-साथ झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली-एनसीआर और पूर्वोत्तर राज्यों में सुधा दूध और उसके उत्पादों की आपूर्ति हो रही है। कोलकाता और दिल्ली जैसे महानगरों में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
दूध संग्रहण में बड़ा लक्ष्य
कॉम्फेड वर्तमान में 14 लाख किसानों से जुड़कर प्रतिदिन 23 लाख लीटर दूध का संग्रहण करता है और 54.5 लाख लीटर प्रतिदिन की प्रसंस्करण क्षमता रखता है। 2025 तक प्रतिदिन दूध संग्रहण को 30 लाख लीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। फिलहाल संगठन रोज़ाना 20 लाख लीटर दूध और दुग्ध उत्पादों का कारोबार कर रहा है, जिसमें 17 लाख लीटर तरल दूध और 3 लाख लीटर अन्य उत्पाद शामिल हैं।
विशेषज्ञों की राय
डेयरी उद्योग के जानकारों का मानना है कि ‘सुधा’ की यह यात्रा सहकारिता और स्थानीय उद्यमिता की मिसाल है—जो बिहार के गांवों से शुरू होकर अमेरिका और कनाडा तक पहुंच चुकी है। किसानों को उचित मूल्य और उपभोक्ताओं को शुद्ध उत्पाद देने के संकल्प ने इसे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान दिलाई है।


