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नवादा, 14 मई 2025: भारत-पाक सीमा से एक और दुखद समाचार सामने आया है। नवादा जिले के कोआकोल प्रखंड के रहने वाले सेना के जवान मनीष कुमार जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए। मनीष आर्मी में नर्सिंग असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थे। उनके शहीद होने की जानकारी सेना के एक कर्नल ने उनके पिता अशोक राम को फोन कर दी।

दो महीने पहले हुई थी शादी, ड्यूटी पर लौटे थे लद्दाख
मनीष की शादी इसी वर्ष 6 मार्च को नवादा जिले के धुरिहार गांव में हुई थी। शादी के महज तीस दिन बाद वे ड्यूटी पर लौट गए थे। मनीष चार भाइयों में तीसरे नंबर पर थे, जिनमें से दो अन्य भाई भी सेना में कार्यरत हैं।

परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़
शहादत की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। माता शुशीला देवी, पत्नी और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में लोगों का तांता लगा हुआ है और हर कोई इस असामयिक निधन को लेकर स्तब्ध है। मुखिया दीपक कुमार ने बताया कि मनीष बेहद मिलनसार और हंसमुख स्वभाव के थे। उनकी शहादत पर पूरे गांव को गर्व है।

शव गुरुवार को पहुंचेगा गांव
शहीद के बड़े भाई हवलदार पिंटू कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और गुरुवार को गांव लाया जाएगा। मौके पर सदर एसडीएम अखलेश कुमार और पकरीबरावां एसडीपीओ महेश चौधरी ने परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। हालांकि, अब तक तैनाती स्थल से आधिकारिक सूचना नहीं आई है।

हाल के दिनों में बिहार ने गंवाए कई वीर सपूत
मनीष कुमार से पहले बिहार के छपरा निवासी बीएसएफ सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज और सीवान के रामबाबू सिंह भी सीमा पर दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो चुके हैं। राज्य सरकार ने शहीद इम्तियाज के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और बेटे को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी।

मनीष की शहादत बिहार के लिए एक और गहरी क्षति है। उनका बलिदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।