4415 करोड़ रुपये की बिहार जल सुरक्षा एवं सिंचाई आधुनिकीकरण परियोजना को मंत्रिपरिषद की मंजूरी, विश्व बैंक से मिलेगा सहयोग
पटना, 17 मई 2025 – बिहार में बाढ़, सूखा और सिंचाई संकट से स्थायी समाधान की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रिपरिषद ने ‘बिहार जल सुरक्षा एवं सिंचाई आधुनिकीकरण परियोजना’ को स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से संचालित की जाएगी, जिसकी कुल लागत 4415 करोड़ रुपये है।
परियोजना का वित्तीय ढांचा:
- बिहार सरकार का योगदान: ₹1324.50 करोड़
- विश्व बैंक (IBRD) से ऋण: ₹3090.50 करोड़
- समयावधि: वित्तीय वर्ष 2025-26 से अगले 7 वर्षों में पूर्ण
परियोजना के प्रमुख उद्देश्य:
- संस्थागत क्षमताओं का निर्माण
- आधुनिक, कुशल और जलवायु-अनुकूल सिंचाई प्रणाली का विकास
- प्रभावी बाढ़ जोखिम प्रबंधन
- सूखा निवारण और जल संसाधनों का बेहतर उपयोग
- हितधारकों के बीच समन्वय व सामाजिक-आर्थिक कल्याण
चार प्रमुख अवयव एवं उनके लिए प्रस्तावित बजट:
अवयव | राशि (₹ करोड़) |
---|---|
जलवायु-अनुकूल सिंचाई प्रणाली | 2487 |
बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण | 1525 |
जल शासन सुदृढ़ीकरण | 243 |
परियोजना प्रबंधन | 160 |
सिंचाई प्रणाली का होगा आधुनिकीकरण:
परियोजना के तहत कई बड़ी सिंचाई संरचनाओं का पुनर्स्थापन एवं उन्नयन किया जाएगा:
- सोन, गंडक और कोसी बैराज
- सोन पश्चिमी मुख्य नहर
- पश्चिमी कोसी सिंचाई योजना
- झंझारपुर शाखा नहर
- सारण मुख्य नहर (17–35 किमी तक)
बाढ़ नियंत्रण के लिए विशेष कार्य:
- बागमती के तटबंध का उच्चीकरण एवं सुदृढ़ीकरण
- कटिहार के पत्थरटोला से कमलाकनी तक कटाव-रोधी कार्य
- सिकरहट्टा मंझारी बांध का सुदृढ़ीकरण एवं 11 स्परों का जीर्णोद्धार
- पूर्वी कोसी तटबंध के 25 स्परों का नवीकरण
बहु-विभागीय क्रियान्वयन:
इस परियोजना का क्रियान्वयन मुख्य रूप से जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाएगा, जिसमें ग्रामीण विकास और कृषि विभाग की भी सक्रिय भागीदारी रहेगी।