तारापुर (मुंगेर): बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से पहले राज्य का सियासी पारा चढ़ चुका है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुंगेर जिले के तारापुर में एक चुनावी सभा को संबोधित किया।
सभा में उन्होंने एनडीए प्रत्याशी और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के समर्थन में जनता से अपील की कि वे उन्हें भारी मतों से विजयी बनाएं।

अमित शाह ने कहा —
“सम्राट चौधरी को जिताइए, मोदी जी उन्हें बड़ा आदमी बनाएंगे। जो लोग मोदी का अपमान करते हैं, उन्हें जनता कभी माफ नहीं करती। हर बार जनता ने कमल फूल को अपमान के बाद और अधिक सम्मान दिया है।”
“छठ मैया की पूजा नौटंकी नहीं” — शाह का राहुल गांधी पर सीधा वार
सभा के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का हालिया बयान छठ पूजा के प्रति आपत्तिजनक था, और बिहार के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
शाह ने कहा —
“मोदी का अपमान तो इन लोगों ने पहले भी किया, लेकिन छठ मैया का अपमान बिहार किसी हालत में सहन नहीं करेगा। क्या छठ पूजा नौटंकी है? बिहार की जनता इसका जवाब देगी।”
नीतीश कुमार की तारीफ, आरजेडी पर प्रहार
अमित शाह ने अपने भाषण में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य को जंगलराज से बाहर निकाला है। उन्होंने याद दिलाया कि 2022 में नीतीश कुमार ने तारापुर शहीद दिवस को राष्ट्रीय सम्मान के साथ मनाया, जबकि विपक्ष ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
शाह ने कहा —
“मुंगेर पर गंगा पुल का काम जंगलराज वालों ने रोक दिया था। मोदी सरकार ने आकर उसे पूरा किया। अब हम मुंगेर को रामायण सर्किट से जोड़ेंगे — यह राम और माता सीता की धरती है।”
“जो अपने बेटों का विकास चाहते हैं, वो बिहार का क्या करेंगे?”
अमित शाह ने लालू यादव और सोनिया गांधी पर वंशवाद का आरोप लगाते हुए कहा —
“लालू यादव अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री।
जो अपने बेटों का विकास करना चाहते हैं, वे बिहार के नौजवानों का विकास कैसे करेंगे?”
शाह ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की जय-जय है और देश में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं।
सियासी संदेश साफ — “बिहार के सम्मान और परंपरा की लड़ाई”
अमित शाह का यह बयान चुनावी माहौल में नया मोड़ लेकर आया है। उन्होंने छठ पूजा और बिहार की संस्कृति को चुनावी मुद्दे के केंद्र में रख दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि तारापुर की यह सभा बिहार के पहले चरण की वोटिंग पर कितना असर डालती है।


