बिहार पुलिस मुख्यालय ने अपने अधिकारियों और जवानों के जनता के प्रति व्यवहार को लेकर बड़ा कदम उठाया है। हाल के दिनों में कई जिलों से पुलिसकर्मियों के अभद्र व्यवहार की शिकायतें सामने आने के बाद मुख्यालय ने सभी पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया है कि वे आम नागरिकों से बातचीत के दौरान शिष्टाचार और मर्यादा का पालन अनिवार्य रूप से करें।
ADG ने जारी किया निर्देश: जनता सम्मान की हकदार
अपर पुलिस महानिदेशक (बजट/अपील/कल्याण) द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि—
“वर्दी में रहने वाले हर पुलिसकर्मी का व्यवहार मर्यादित, संतुलित और शिष्ट होना चाहिए। जनता के प्रति किसी भी प्रकार की रूखाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
यह निर्देश 24 नवंबर 2025 को आयोजित कल्याण कोष समीक्षा बैठक के बाद तैयार किया गया। इस बैठक में बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने ‘बेहतर पुलिसिंग’ और पुलिस-जनता संबंधों को मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की थी।
DGP ने जताई चिंता: हालिया घटनाओं ने धूमिल की पुलिस की छवि
बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक (DGP) ने हाल ही में सामने आए कुछ मामलों पर गंभीर चिंता जताई।
इनमें पटना के नदी थाना और कटिहार के बारसोई थाना शामिल हैं, जहाँ पुलिसकर्मियों द्वारा अभद्र व्यवहार की शिकायतें सामने आई थीं।
मुख्यालय ने बताया कि—
- संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
- इन घटनाओं को उदाहरण मानते हुए सभी जिलों को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यालय ने साफ कहा है कि एक-दो पुलिसकर्मियों का खराब व्यवहार पूरे बल की साख को नुकसान पहुँचाता है।
रिपोर्ट में स्पष्ट: अभद्र व्यवहार से डांवाडोल होता है जनविश्वास
मुख्यालय का मानना है कि पुलिसकर्मियों का रूखा रवैया—
- राज्य पुलिस की छवि धूमिल करता है
- जनविश्वास में कमी लाता है
- जनता-पुलिस सहयोग पर सीधा असर डालता है
पत्र में लिखा गया है कि प्रभावी पुलिसिंग तभी संभव है जब जनता और पुलिस के बीच आपसी भरोसा, संवाद और सम्मान बना रहे।
सभी SP और वरीय अधिकारियों को सख्त आदेश
27 नवंबर को जारी यह आदेश राज्यभर के सभी SP और वरीय पुलिस अधिकारियों को भेजा गया है।
निर्देश में यह भी जोड़ दिया गया है कि—
“यदि भविष्य में किसी पुलिस पदाधिकारी या कर्मी द्वारा नागरिकों से अभद्र व्यवहार किया गया, तो उसे चिह्नित कर तुरंत कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
साथ ही, सभी वरीय अधिकारियों को कहा गया है कि वे अपने अधीनस्थों की निगरानी बढ़ाएँ और उन्हें ड्यूटी के दौरान शिष्टाचार पालन पर नियमित रूप से निर्देशित करें।


