बिहार पुलिस सिपाही बहाली परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने ऐसे 563 अभ्यर्थियों की पहचान की है, जिन्होंने दो या दो से अधिक बार परीक्षा में शामिल होकर अनुचित साधनों का उपयोग किया। इन सभी के खिलाफ सचिवालय थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
इन अभ्यर्थियों पर आरोप है कि इन्होंने परीक्षा में खुद के स्थान पर स्कॉलर को बैठाया या बार-बार परीक्षा में शामिल होकर सेटिंग की। इन पर भारतीय न्याय संहिता और बिहार सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 के तहत केस दर्ज किया गया है। नए कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 3 से 5 साल की सजा, आर्थिक जुर्माना और भविष्य की परीक्षाओं में भाग लेने से वंचित करने का प्रावधान है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से हुआ पर्दाफाश
चयन पर्षद के अनुसार, इन अभ्यर्थियों की पहचान आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की सहायता से की गई। ये 563 अभ्यर्थी उन 370 अभ्यर्थियों के अतिरिक्त हैं, जिन पर पहले ही शारीरिक परीक्षा के दौरान गर्दनीबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।
इनका नहीं हुआ अगली परीक्षा में चयन
सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए किसी भी अभ्यर्थी का चयन शारीरिक परीक्षा के अगले चरण के लिए नहीं हुआ था। हालांकि, शारीरिक परीक्षा समाप्त होने के एक महीने बाद एफआईआर दर्ज कराए जाने पर प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं।