Bihar

बिहार : गुड़ प्रोत्साहन नीति को मिली स्वीकृति ; स्थापित होंगी 81 गुड़ इकाइयां, 12.40 करोड़ मंजूर

पटना : गन्ना उद्योग मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने कहा कि राज्य में गुड़ उद्योग प्रोत्साहन नीति को स्वीकृति दे दी गई है। इस वर्ष 81 गुड़ इकाइयां स्थापित होंगी। इसके लिए 12.40 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।

गुड़ इकाई लगाने सहित विभाग की योजना का लाभ के लिए एक अक्टूबर से केन केयर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। बुधवार को सूचना भवन में मंत्री ने कहा कि बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत पूंजी अनुदान का प्रावधान किया गया है। 5 से 20 टीडीसी (टन पेराई प्रतिदिन) की क्षमता की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 6 लाख रुपये तक दिया जाएगा। 21 से 40 टन पेराई प्रतिदिन क्षमता के लिए 15 लाख रुपये अनुदान मिलेगा। 41 से 60 टन पेराई प्रतिदिन की क्षमता के लिए 45 लाख रुपये अनुदान मिलेगा। 61 टन पेराई प्रतिदिन क्षमता के लिए 45 लाख रुपये अनुदान मिलेगा। 5 करोड़ से अधिक निवेश के लिए ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज 5 वर्षों तक देने का प्रावधान है। गुड़ उत्पादन इकाई चीनी मिल से न्यूनतम 15 किलोमीटर की दूरी पर होगी। अभी राज्य के 9 में से 6 मिलों में चीनी, बिजली और इथेनॉल उत्पादन हो रहा है।

रीगा इसी पेराई सत्र से चालू होगी गन्ना उद्योग मंत्री ने कहा कि 29 फरवरी 2020 से बंद रीगा चीनी मिल इसी पेराई सत्र से चालू हो जाएगी। चौथे निविदा प्रक्रिया के बाद मेसर्स निरानी शुगर्स को लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया है। इससे सीतामढ़ी, शिवहर जिलों के गन्ना किसानों को लाभ होगा। 2005-06 में राज्य में चीनी मिलों में प्रतिदिन 32 हजार टन गन्ना पेराई क्षमता थी। अभी 9 चीनी मिलों की क्षमता प्रतिदिन 55,500 टन है। यूपी के एक चीनी मिल में भी बिहार से गन्ना पेराई के लिए जाता है। रीगा चीनी मिल के चालू होने से गन्ना किसानों के लिए गन्ना पेराई के लिए 11 चीनी मिल की सुविधा होगी।

सभी जिलों में गन्ना उत्पादन का लक्ष्य लाल

प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में गन्ना उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। गुड़ उत्पादन यूनिट लगाने के लिए भी किसी भी जिले के लोग आवेदन कर सकते हैं।

बकाया भुगतान का आवेदन लेने घर-घर जाएंगे कर्मी

प्रेसवार्ता में बंद चीनी मिल कर्मियों के बकाया भुगतान का मामला भी उठा। एक सवाल के जवाब में ईखायुक्त अनिल कुमार झा ने कहा कि वन टाइम सेटलमेंट के तहत बंद चीनी मिल के 15 हजार कर्मियों और मजदूरों ने दावा किया है। इसमें लगभग 10 हजार कर्मियों को 224 करोड़ की राशि का भुगतान कर दिया गया है। शेष करीब पांच हजार कर्मियों को 70 करोड़ भुगतान किया जाना है। यह राशि संबंधित जिले डीएम के पास जमा है। उन्होंने कहा कि आवेदन कम आने से भुगतान लंबित है। इसलिए विभाग के कर्मी अब चीनी मिल के रिकार्ड में दिए गए उनके पते पर जाएंगे। वहां परिजनों से आवेदन को कहा जाएगा। दावा के सत्यापन के बाद भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग का प्रयास है कि सभी कर्मियों को उनका बकाया मिल जाए। बता दें कि आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। जिसपर विभाग ने संज्ञान लिया है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास