बिहार चुनाव 2025: राजद का बड़ा दांव, युवाओं को मिलेगा टिकट में प्राथमिकता

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही राज्य की सियासत गरमा चुकी है। सभी राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं और जनता को लुभाने के लिए नई रणनीतियां बना रहे हैं। इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने एक अहम फैसला लिया है—इस बार पार्टी टिकट वितरण में युवाओं को प्राथमिकता देगी।

युवाओं पर फोकस

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बिहार की आबादी का लगभग 58% हिस्सा 40 वर्ष से कम आयु का है। राज्य की राजनीति में हमेशा युवा वर्ग निर्णायक भूमिका निभाता आया है। ऐसे में राजद मानती है कि युवाओं को आगे लाकर न केवल संगठन में नई ऊर्जा लाई जा सकती है बल्कि जनता के बीच भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा।

वरिष्ठ नेताओं का टिकट कट सकता है

सूत्रों के मुताबिक, इस बार कई उम्रदराज और पुराने नेताओं का टिकट कट सकता है। पार्टी की अंदरूनी बैठकों में इस मुद्दे पर गहन चर्चा हो चुकी है। माना जा रहा है कि कई सीटों पर वरिष्ठ नेताओं की जगह नए और युवा चेहरे चुनावी मैदान में उतारे जाएंगे। हालांकि, उनके प्रभाव को देखते हुए परिवार के किसी सदस्य या करीबी को टिकट दिए जाने की संभावना भी बनी रहेगी।

सोशल मीडिया पर पकड़ मजबूत करने की कवायद

पिछले चुनावों में राजद ने देखा कि युवाओं का बड़ा वर्ग उसके साथ खड़ा नहीं हुआ। खासकर सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पार्टी की पकड़ कमजोर रही। अब राजद का मानना है कि युवाओं से सीधा संवाद और उन्हें राजनीतिक मंच पर प्रतिनिधित्व देना बेहद जरूरी है। यही वजह है कि टिकट वितरण के साथ-साथ पार्टी संगठन में भी युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।

विपक्ष को चुनौती

राजद का यह कदम विपक्ष के लिए भी सीधी चुनौती माना जा रहा है। पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि जहां अन्य दल पुराने चेहरों पर निर्भर हैं, वहीं राजद बदलाव की ओर बढ़ रही है और आधुनिक सोच के साथ चुनाव में उतर रही है।

चुनौतियां भी कम नहीं

हालांकि, यह रणनीति राजद के लिए आसान नहीं होगी। टिकट कटने से नाराज़ वरिष्ठ नेताओं को संभालना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी। ऐसे नेताओं का संगठन और कार्यकर्ताओं पर गहरा असर होता है। अगर वे बगावत करते हैं, तो नुकसान झेलना पड़ सकता है। दूसरी ओर, नए उम्मीदवारों के पास अनुभव की कमी भी एक बड़ी दिक्कत साबित हो सकती है।

राजद की यह नई रणनीति बिहार के चुनावी समीकरणों पर बड़ा असर डाल सकती है। अगर पार्टी युवाओं को टिकट देकर जनता से जुड़ने में सफल रही, तो यह उसके लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। लेकिन अगर वरिष्ठ नेताओं की नाराज़गी बढ़ गई, तो अंदरूनी कलह भी पार्टी को भारी पड़ सकती है।

कुल मिलाकर, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजद ने युवाओं पर बड़ा दांव खेला है। यह दांव कितना सफल होगा, इसका फैसला चुनावी नतीजे करेंगे, लेकिन इतना तय है कि इस कदम से बिहार की सियासत में नई हलचल जरूर मचेगी।

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Sumit ZaaDav

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