बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में मतदान के बाद हुई विस्तृत जांच में किसी भी पोलिंग स्टेशन पर कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार की गई इस जांच में चुनाव दोबारा कराने जैसी किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं मानी गई।
फ़ॉर्म 17A सहित सभी दस्तावेज़ों की गहन जांच
भारत निर्वाचन आयोग ने पारदर्शिता बढ़ाने, गलतियों को रोकने और मतदान प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से फॉर्म 17A (वोटर रजिस्टर) सहित चुनाव दिवस के सभी दस्तावेजों की पोस्ट-पोल जांच का आदेश दिया था।
सभी उम्मीदवारों को जांच की तिथि, समय और स्थान की पहले से सूचना दी गई थी।
121 विधानसभा क्षेत्रों में हुई सुचारू जांच
पहले चरण में शामिल 121 विधानसभा क्षेत्रों में
- 121 रिटर्निंग ऑफिसरों (RO)
- 121 जनरल ऑब्ज़र्वरों (GO)
की उपस्थिति में जांच शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से की गई।
इस प्रक्रिया में लगभग 455 उम्मीदवार और उनके एजेंट भी शामिल हुए।
कहीं नहीं मिली गड़बड़ी, नहीं होगा री-पोल
जांच के बाद आयोग ने स्पष्ट किया कि
“किसी भी पोलिंग स्टेशन पर गड़बड़ी या गलत कार्यवाही का मामला नहीं मिला।”
इस आधार पर चरण-I के किसी भी बूथ पर दोबारा चुनाव की सिफारिश नहीं की गई।
जांच की पूर्ण वीडियोग्राफी, सामग्री फिर से सील
जांच प्रक्रिया की पूरी वीडियोग्राफी कराई गई।
समीक्षा समाप्त होने के बाद, फॉर्म 17A और अन्य सामग्री को आरओ की मुहर के साथ पुनः सील कर दिया गया।


