पटना | 9 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भाजपा ने अपनी तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पार्टी ने 115 से अधिक विधानसभा सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है। प्रदेश चुनाव समिति की बुधवार को हुई मैराथन बैठक में हर सीट के लिए औसतन तीन नाम तय किए गए। अब यह सूची केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेजी जाएगी, जो 11 और 12 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में उम्मीदवारों पर अंतिम फैसला करेगा।
कई विधायकों के नाम सूची से गायब
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार की सूची में कई वर्तमान विधायकों के नाम नहीं हैं। बताया जा रहा है कि जिला कोर कमेटियों से मिली फीडबैक और आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर कई नामों को काटा गया है। पार्टी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से कई सीटों पर परिणाम उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे।
भाजपा को बाद में वीआईपी पार्टी के तीन विधायक, उपचुनाव में मिली तीन सीटें और कुछ अन्य दलों का समर्थन भी मिला था। इस बार इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए 115 से अधिक सीटों पर नामों पर मंथन हुआ है।
चार घंटे चली बैठक, एक-एक नाम पर चर्चा
भाजपा प्रदेश कार्यालय के सभागार में हुई बैठक चार घंटे से अधिक देर तक चली। इसमें हर सीट पर उम्मीदवार के संभावित नामों पर गहन चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने की।
बैठक में बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, राधामोहन सिंह, रविशंकर प्रसाद, डॉ. संजय जायसवाल, प्रेम कुमार, मंगल पांडेय सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
सिटिंग सीटों पर सहमति, 80 सीटों पर फाइनल नाम
जानकारी के अनुसार, चार और पांच अक्टूबर को हुई पिछली दो बैठकों में सिटिंग सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर सहमति बन चुकी थी। बुधवार को हुई तीसरी बैठक में शेष 80 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों को अंतिम रूप दिया गया।
एनडीए में सीट बंटवारे पर दो-तीन दिनों में फैसला
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है।
“एनडीए में सब ठीक है। बहुत अच्छे ढंग से सब काम किया जा रहा है। दो-तीन दिनों में सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला हो जाएगा,” — दिलीप जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
भाजपा का फोकस इस बार संगठनात्मक मजबूती और उम्मीदवार चयन में स्थानीय समीकरणों को प्राथमिकता देने पर है। पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता कि 2020 जैसी अंदरूनी असंतोष की स्थिति दोहराई जाए। 11 और 12 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद यह तय होगा कि भाजपा किन सीटों पर नए चेहरे उतारने जा रही है।


