उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में नौकरी पाने का सपना देख रहे युवाओं के लिए जल्द ही योगी सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। दरअसल, माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रवक्ता के पदों योग्यता की योग्यता को लेकर विवाद अब समाप्त हो गया है। क्योंकि लोक सेवा आयोग ने भी माध्यमिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर समकक्ष योग्यता को परिभाषित करने की मांग की थी। इसे देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से उप्र अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा छठवें संशोधन नियमावली व उप्र विशेष अधीनस्थ शैक्षणिक (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा दूसरे संशोधन नियमावली 2024 के प्रख्यापन का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा था। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि इस प्रस्ताव पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दे दी है।
स्नातक, बीएड धारक को मिलेगा मौका
आप को बता दें कि माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में सहायक अध्यापक व प्रवक्ता के पदों पर भर्ती की जाती है। इसमें सहायक अध्यापक के लिए संबंधित विषय में स्नातक, बीएड या समकक्ष योग्यता, अर्हता थी। इसी तरह प्रवक्ता पद के लिए संबंधित विषय में स्नातक, बीएड या समकक्ष योग्यता, अर्हता लिखी हुई थी। पिछले दिनों इससे जुड़े कई मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण ली थी।
हटाया गया समकक्ष शब्द
इस नियमावली संशोधन के अनुसार विवाद को देखते हुए विभाग ने इन दोनों पदों की योग्यता में से समकक्ष शब्द को हटाकर, संबंधित विषय में स्नातक/परास्नातक व नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड की डिग्री तय कर दिया है। वहीं इस नियमावली में संशोधन के साथ ही लगभग 10 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।
विभाग की ओर से जल्द ही इन पदों पर भर्ती के लिए अब लोक सेवा आयोग को संशोधित अधियाचन भेजा जाएगा। गौरतलब है कि समकक्ष योग्यता को लेकर अभ्यर्थी न्यायालय में गए और समकक्ष योग्यता को लेकर चुनौती दी गई। इसकी वजह से माध्यमिक विद्यालयों में भर्ती काफी समय से प्रभावित थी। फिलहाल अब इस पर कैबिनेट ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। जल्द ही उत्तर प्रदेश 10 हजार पदों के लिए शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी कर सकती है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.