जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी सेक्टर में मंगलवार देर रात आतंकियों और भारतीय सेना के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें बिहार के भागलपुर जिले के रंगरा प्रखंड के चापर गांव के वीर जवान हवलदार धीरज यादव शहीद हो गए। 34 वर्षीय धीरज की तैनाती टिका पोस्ट के पास थी और वे अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी से तैनात थे।
मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने अचानक गोलियां बरसाईं, जिसका सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इस दौरान धीरज के सीने में गोली लग गई। उन्हें तुरंत एआईपी-06 और फिर देवी पोस्ट पहुंचाया गया, जहां बटालियन के आरएमओ ने इलाज शुरू किया, लेकिन गंभीर चोटों के चलते बुधवार सुबह 6:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
परिवार को गहरा सदमा, पर गर्व भी
धीरज की शहादत की खबर बुधवार सुबह सेना के अधिकारियों ने उनके बड़े भाई निरंजन यादव को दी, जो खुद जेसीओ पद से रिटायर हैं और वर्तमान में झारखंड के SAP में कार्यरत हैं। घर में फिलहाल उनकी पत्नी और बूढ़े माता-पिता को आधिकारिक सूचना नहीं दी गई थी ताकि सदमा संभालने का समय मिल सके।
धीरज के परिवार में चार भाई और तीन बहनें हैं। दो बड़े भाई भी सेना और सुरक्षा बलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जिससे परिवार में सैन्य परंपरा की गौरवशाली छाप है। पिता लक्ष्मी यादव किसान हैं, जबकि मां सविता देवी गृहिणी हैं।
बचपन से देश सेवा का सपना
धीरज का सपना बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना था। गांव के सद्भाव हाई स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होकर अपने सपने को साकार किया। 2017 में उनकी शादी हुई और उनके दो छोटे बच्चे हैं, जो वर्तमान में कटिहार में पत्नी के साथ रहते हैं। महज एक महीने पहले ही उनका तबादला मेरठ से कश्मीर हुआ था।
गांव में बाढ़ और शहादत का दोहरा दुख
इस समय चापर गांव और आसपास का इलाका बाढ़ की चपेट में है। एक ओर ग्रामीण अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई देने की तैयारी कर रहे हैं, तो दूसरी ओर बाढ़ से जूझ रहे हैं। प्रशासन पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटा है और शहीद के पार्थिव शरीर को गांव के बाहर टेंट में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
पड़ोसी जितेंद्र ने कहा, “धीरज न केवल बहादुर सैनिक थे बल्कि बेहद सरल और मिलनसार इंसान भी थे। उनकी शहादत पर पूरा नवगछिया अनुमंडल और भागलपुर जिला गर्व महसूस कर रहा है।”
पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई
जिला प्रशासन, सेना और ग्रामीण मिलकर वीर जवान धीरज यादव को अंतिम विदाई देने की तैयारी कर रहे हैं। गांव में मातम के बीच देशभक्ति और गर्व की भावना भी चरम पर है।


