भागलपुर : बालू और गिट्टी लदे ओवरलोडेड वाहनों की इंट्री पासिंग माफिया के गिरोह में एक नहीं दो पंकज शामिल हैं। जिस पंकज का नाम सबसे पहले सामने आया वह राज्य छोड़कर फरार हो चुका है। जांच में पता चला है कि वह पंकज नवगछिया के जगतपुर का रहने वाला है।
एक अन्य पंकज के बारे में बताया गया है कि वह सबौर थाना के पूर्व थानेदार का करीबी था। जगतपुर वाला पंकज तो भाग निकला पर दूसरा अभी भी शहर में ही है। इंट्री पासिंग मामले की जांच के लिए जल्दी ही पुलिस की टीम परिवहन विभाग जा सकती है। बरारी थाना में केस दर्ज होने के बाद जांच में पता चला है कि परिवहन विभाग के पदाधिकारी, कर्मी और दलाल पासिंग माफिया के गिरोह में शामिल हैं। पुराने और नए एमवीआई के नाम से पासिंग गिरोह के पास मोबाइल नंबर सेव मिला है। कपिल नाम के शख्स का भी मोबाइल नंबर सामने आया है जो परिवहन विभाग के एक पदाधिकारी का खास है। भागलपुर में पदस्थापित रहे परिवहन दारोगा के नाम भी पासिंग माफिया में सामने आ रहा है। खुद को मीडिया कर्मी बताने वाले भी कुछ लोगों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है। इंट्री पासिंग मामले में पुलिस डिजिटल साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। माफिया, पुलिस वालों और परिवहन विभाग के अलावा अन्य विभाग के पदाधिकारियों की आपस में बातचीत, व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर मोबाइल नंबर और पासिंग वाले ट्रक का नंबर साझा करने के प्रमाण मिले हैं। सबसे अहम साक्ष्य खाते में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का सामने आया है। पासिंग माफिया ने कई लोगों के खाते पर कई बार पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर किए हैं। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के आधार पर कई नप सकते हैं।