भागलपुर | बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भाजपा के अंदर बड़ा राजनीतिक धमाका हुआ है। पार्टी ने जब भागलपुर विधानसभा सीट से रोहित पांडे को अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया, तो इसी के साथ बगावत के स्वर तेज हो गए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत चौबे ने पार्टी लाइन से हटकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है।
नामांकन की तैयारी शुरू, समर्थकों में जोश
सूत्रों के अनुसार, अर्जित शाश्वत चौबे के समर्थकों ने सोमवार को भागलपुर सदर अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय पहुंचकर नामांकन पत्र (एनआर) कटवाया।
समर्थकों का कहना है कि अर्जित 17 अक्टूबर को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आधिकारिक नामांकन दाखिल करेंगे।
इस कदम ने भाजपा के जिला संगठन से लेकर प्रदेश स्तर तक हलचल मचा दी है।

पार्टी में मंथन, समर्थक बोले—“जनता का फैसला सर्वोपरि”
अर्जित शाश्वत चौबे के करीबी समर्थकों का कहना है कि “भागलपुर की जनता अर्जित के साथ है। टिकट किसी को भी मिला हो, लेकिन जनता का उम्मीदवार वही होगा जो उनके बीच रहा हो।”
सूत्र बताते हैं कि अर्जित ने पिछले कुछ दिनों से लगातार अपने क्षेत्र में जनसंपर्क बढ़ा दिया था और अब उन्होंने खुले तौर पर भाजपा उम्मीदवार को चुनौती देने की रणनीति बना ली है।
भागलपुर सीट पर मुकाबला दिलचस्प
भाजपा के भीतर यह बगावत न केवल संगठन के लिए चुनौती बन गई है, बल्कि चुनावी समीकरणों को भी पूरी तरह बदल सकती है।
अब भागलपुर सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प और त्रिकोणीय होने की संभावना जताई जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अश्विनी चौबे के प्रभाव और अर्जित शाश्वत की लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा के लिए यह मुकाबला आसान नहीं रहेगा।


