मायागंज अस्पताल के फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती हुई महिला मरीज की मौत पर परिजनों ने लापरवाही का तोहमत लगाया है। अस्पताल अधीक्षक ने इस मामले को गंभीरता को लेते हुए शुक्रवार को एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी के गठन का फैसला लिया है।
नर्स बोली, यहां नहीं होगा इलाज, जाओ निजी अस्पताल मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा को लिखे पत्र में सबौर क्षेत्र के परघड़ी गांव निवासी चंदन कुमार सिंह ने बताया कि दादी गीता देवी को इलाज के लिए मायागंज अस्पताल के फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल के इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने उनकी दादी को इलाज के लिए तहत इंजेक्शन लगाने की सलाह बीएचटी पर लिखा। लेकिन एक घंटे तक जब नर्स ने उनकी दादी गीता देवी को इंजेक्शन नहीं लगाई तो वे लोग नर्स से गुहार लगाने लगे। लेकिन नर्स ने दुर्व्यवहार करते हुए कहा कि यहां पर इलाज नहीं होगा, जाओ निजी अस्पताल। उसने मरीज को इंजेक्शन भी नही लगाया और बीएचटी में गिवेन यानी इंजेक्शन दे दिया गया दर्ज कर दिया गया। इधर गुरुवार की रात करीब साढ़े दस बजे दादी गीता देवी की मौत हो गई।
कमेटी की रिपोर्ट पर नर्स के खिलाफ होगा एक्शन अधीक्षक
मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा ने कहा कि शुक्रवार को तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ. राजकमल चौधरी, ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. रेखा झा व प्रभारी मातृका को शामिल किया जाएगा। ये कमेटी इन आरोपों की जांच करेगी और दोषी मिलने पर नर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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