बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी माहौल में नई हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने महिलाओं को लेकर अपनी सरकार के कार्यों और योजनाओं को विस्तृत रूप से गिनाते हुए महागठबंधन—विशेषकर लालू–तेजस्वी—की टेंशन बढ़ा दी है।
नीतीश ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि महिलाओं के सशक्तिकरण के मुद्दे पर उनका मुकाबला कोई भी दल नहीं कर सकता।
महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर
नीतीश कुमार ने दावा किया कि सरकार राज्यभर में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि—
✅ जैविक खेती
✅ कृषि विपणन व्यवसाय
✅ मछली पालन
✅ मधुमक्खी पालन
✅ उद्यमिता विकास
से जुड़े कार्य महिलाओं को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे उनकी आय बढ़ रही है और वे अपने परिवार का अच्छे से ख्याल रख पा रही हैं।
दीदी की रसोई का बड़े पैमाने पर विस्तार
राज्य के सभी अस्पतालों, अनुसूचित जाति-जनजाति आवासीय विद्यालयों और कई अन्य संस्थानों में ‘दीदी की रसोई’ संचालित हो रही है।
नीतीश ने कहा कि यह मॉडल पूरे देश में सराहा जा रहा है।
अब इस योजना का विस्तार—
✅ सभी प्रखंड मुख्यालयों
✅ सभी सरकारी अस्पतालों
तक किया जा रहा है।
शहरी क्षेत्रों में बढ़ रहा स्वयं सहायता समूहों का नेटवर्क
नीतीश कुमार ने बताया कि शहरी बिहार में अब तक—
✅ 36,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह
✅ 3,85,000 से повече महिलाएँ
जीविका से जुड़ चुकी हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं।
इसके साथ महिला उद्यमी योजना के तहत महिलाओं को 10 लाख रुपये तक की सहायता राशि भी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना — सबसे बड़ा चुनावी मास्टरस्ट्रोक?
नीतीश ने खुलासा किया कि हाल ही में शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना महिलाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हो रही है।
योजना के तहत—
✅ हर परिवार की एक महिला को
✅ 10,000 रुपये सहायता राशि
✅ अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए
दिए जा रहे हैं।
सिर्फ डेढ़ महीने में 1 करोड़ 41 लाख महिलाओं के खातों में DBT के माध्यम से राशि भेज दी गई है।
यह राशि वापस नहीं ली जाएगी।
अच्छा काम करने वाली महिलाओं को आगे 2 लाख रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।
शराबबंदी, बाल विवाह और दहेज पर भी कड़ा संदेश
नीतीश ने याद दिलाया कि महिलाओं की मांग पर ही राज्य में शराबबंदी लागू की गई, जिससे समाज में शांति का माहौल बना है।
साथ ही, सरकार ने—
✅ बाल विवाह
✅ दहेज प्रथा
के खिलाफ भी कड़ा अभियान चलाया है।
चुनाव से पहले यह रणनीति क्यों महत्वपूर्ण?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि—
राजद की मजबूत पकड़ वाले कई क्षेत्रों में महिला वोटरों का समर्थन निर्णायक हो सकता है।
नीतीश कुमार का यह विस्तृत संदेश, महिलाओं को दी जा रही आर्थिक मदद और रोजगार आधारित बड़ी योजनाएँ—
✅ राजद–कांग्रेस गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं
✅ एनडीए के पक्ष में माहौल बना सकती हैं
✅ कई सीटों पर मुकाबला बदल सकती हैं
नीतीश ने अंत में कहा—
“हम जो कहते हैं, वह पूरा करते हैं। आगे भी महिलाओं के उत्थान के लिए काम करेंगे। जय बिहार!


