औरंगाबाद, बिहार: जिले के डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर (DEO) सुरेन्द्र कुमार पर सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगा है। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने विभागीय स्कॉर्पियो गाड़ी (BR 26 PA 6207) का इस्तेमाल अपने निजी कार्य—एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए—किया। यह समारोह दरभंगा में आयोजित हुआ था, जो औरंगाबाद से लगभग 300 किलोमीटर दूर है।
शादी में पहुंचे सरकारी गाड़ी से, वीडियो वायरल
18 अप्रैल को डीईओ साहब डीपीओ भोला कर्ण की शादी में भाग लेने दरभंगा पहुंचे। शादी में शामिल होने के दौरान सरकारी स्कॉर्पियो में उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसके बाद यह पूरा मामला विवाद का कारण बन गया।
गाड़ी का बीमा, पॉल्यूशन और फिटनेस सर्टिफिकेट सभी एक्सपायर!
जांच में सामने आया कि जिस स्कॉर्पियो का डीईओ साहब ने इस्तेमाल किया, उसका बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और फिटनेस सर्टिफिकेट सभी समाप्त हो चुके हैं। यानी उस गाड़ी को सड़क पर चलाना गैरकानूनी था, बावजूद इसके उन्होंने इसे निजी कार्य के लिए प्रयोग किया।
गाड़ी विभाग की नहीं, किराए की निकली
गाड़ी शिक्षा विभाग की नहीं, बल्कि पवन कुमार सिंह नामक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है। शिक्षा विभाग इसे किराए पर 50-60 हजार रुपये प्रति माह की दर से लेता है, और महीने में 1,400 किलोमीटर चलाने की सीमा तय है। डीईओ साहब ने एक ही ट्रिप में करीब 600 किमी की दूरी तय कर डाली। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या बचे हुए किलोमीटर का खर्च डीईओ साहब अपनी जेब से देंगे?
सवालों के घेरे में DEO साहब
इस पूरे प्रकरण के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
- क्या एक वरिष्ठ अधिकारी को निजी कार्यों के लिए सरकारी संसाधनों का उपयोग करने का अधिकार है?
- बिना वैध दस्तावेज वाली गाड़ी से इतनी लंबी यात्रा करना क्या नियमों का उल्लंघन नहीं है?
- क्या शिक्षा विभाग इस पर कोई कार्रवाई करेगा?
फिलहाल विभागीय प्रतिक्रिया का इंतजार है। लेकिन यह घटना एक बार फिर से सरकारी अधिकारियों के द्वारा सुविधाओं के दुरुपयोग की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जो आम जनता के विश्वास को कमजोर करती है।