भागलपुर। नाथनगर क्षेत्र के सभी मनसा मंदिरों में रविवार को आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। चंपानगर स्थित प्राचीन विषहरी मंदिर में सुबह पट खुलते ही श्रद्धालु डलिया चढ़ाने उमड़ पड़े। शनिवार देर रात वेदी पर प्रतिमा स्थापना के साथ ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। डलिया में श्रद्धालुओं ने नींबू, केला, भुट्टा, सेब, दूध, लावा, पान और अमरूद समेत कई सामग्री अर्पित की।
मंजूषा शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र
रविवार रात आठ बजे मंदिर से मंजूषा शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर भाग लिया। शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए पत्थरनाथ महादेव घाट पहुंची और जलार्पण के बाद पुनः मंदिर में स्थापित की गई।
धार्मिक पात्रों की प्रतिमाएं स्थापित
मंदिर में बाला बिहुला, लखेंद्र, मनसा की पांच बहनें, चन्द्रधर सौदागर, सोनिका साहुनी, धन्वंतरी वैद्य, टुन्नी राक्षसी, अर्धनारीश्वर और अन्य पौराणिक पात्रों की प्रतिमाएं स्थापित की गईं।
विसर्जन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त
19 अगस्त को होने वाले विसर्जन के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। विसर्जन रूट पर सीसीटीवी निगरानी होगी और बाहर से अतिरिक्त बल की तैनाती की जाएगी। वहीं नगर निगम ने कृत्रिम तालाब की सफाई, पेड़ों की छंटाई और रास्तों के समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया है।
गाजे-बाजे पर झूमे श्रद्धालु
शाम को शहर के विभिन्न मंदिरों से पारंपरिक रूप से बाला लखेंद्र की बारात निकली, जिसमें गाजे-बाजे और डीजे की धुन पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। देर रात धार्मिक रीति-रिवाज के साथ बाला लखेंद्र और सती बिहुला का विवाह संपन्न कराया गया।


