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फ्रांस के रेल नेटवर्क को तहस-नहस कर देने वाले आगजनी के हमले में नया एंगल सामने आ गया है। आशंका जताई जा रही है कि इसमें रूस का हाथ हो सकता है। रिपोर्ट्स आई हैं कि इस घटना से पहले एक कथित रूसी जासूस को गिरफ्तार किया गया था। किरिल ग्र्याज्नोव (40) को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उसने विदेशी ताकत के साथ मिलकर फ्रांस में हिंसा भड़काने की कोशिशें की हैं। यह भी दावा किया गया है कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की डोमेस्टिक इंटेलिजेंस एजेंसी एफएसबी के लिए काम करता है।

रूसी ‘जासूस’ ने बताया क्या था उसका इरादा

डेलीमेल की एक रिपोर्ट के अनुसार किरिल ग्र्याज्नोव ने कहा है कि उसने कुछ गलत नहीं किया। उसने कहा कि मैं पेरिस ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी को ऐसा बनाना चाहता था जो ‘बाकी सबसे अलग’ हो। सीन नदी के किनारे ओलंपिक ओपनिंग सेरेमनी से कुछ घंटे पहले ही कई प्रमुख स्थानों पर आग भड़क उठी। इससे ट्रेनों को रुकना पड़ा जिससे लगभह 8 लाख यात्री प्रभावित हुए। सोशल मीडिया पर रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का इंतजार करते यात्रियों की भीड़ के कई वीडियो सामने आए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है। फ्रांस से अधिकारियों ने भी संदिग्ध का नाम आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया है।

रूस को ओलंपिक के लिए निमंत्रण नहीं मिला

आगजनी के दौरान स्टेशनों पर तोड़-फोड़ भी की गई। फ्रांस के सुरक्षा अधिकारी यह मानकर चल रहे हैं कि इन टारगेटेग हमलों का ओलंपिक सेरेमनी के साथ कनेक्शन है। रेलवे सर्विस यूरोस्टार ने यात्रियों को सलाह दी है कि आज वह यात्रा न करें क्योंकि लंदन से पेरिस के बीच उसकी ट्रेन सेवाएं बाधित चल रही हैं। मेल ऑनलाइन के अनुसार सिक्योरिटी एनालिस्ट एलेक्स कोकचारोव ने कहा कि रूस के पास ऐसा करने की क्षमता भी है और वह ऐसा कर भी सकता है। वह यूरोप, खास तौर पर फ्रांस में इस तरह के हमलों को अंजाम दे सकता है। उल्लेखनीय है कि ओलंपिक खेलों में रूस को आमंत्रित नहीं किया गया है।

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