भागलपुर, 18 अक्टूबर 2025।भागलपुर विधानसभा सीट से बड़ा राजनीतिक मोड़ सामने आया है। भाजपा का टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले अर्जित शाश्वत चौबे ने अचानक अपना निर्णय बदल लिया है। शनिवार को वे अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने के लिए समाहरणालय पहुंचे थे, लेकिन अंतिम क्षण में उन्होंने नामांकन नहीं करने का फैसला लिया।
अर्जित शाश्वत चौबे ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
“मेरे पिता अश्विनी चौबे ने फोन कर कहा कि तुम भाजपा में हो और भाजपा में ही रहोगे। मैंने पिता की बात का सम्मान करते हुए नामांकन नहीं करने का निर्णय लिया है।”
उन्होंने बताया कि निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा नेतृत्व की ओर से उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। इसके बावजूद वे जनता की सेवा के लिए चुनावी मैदान में उतरने को तैयार थे। लेकिन पिता के स्पष्ट निर्देश के बाद उन्होंने पीछे हटने का निर्णय लिया।
भागलपुर में बदले समीकरण, भाजपा खेमे में राहत
अर्जित के इस कदम से भागलपुर की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उनके मैदान से हटने से भाजपा खेमे को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि अर्जित के निर्दलीय उतरने से वोटों का बंटवारा तय माना जा रहा था।
अब माना जा रहा है कि भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार के लिए चुनावी समीकरण कुछ हद तक सरल हो सकते हैं। वहीं अर्जित समर्थकों में निराशा झलक रही है, जो उन्हें स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में देख रहे थे।
अर्जित शाश्वत चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के पुत्र हैं और भाजपा के युवा चेहरों में गिने जाते हैं। वे 2015 के विधानसभा चुनाव में भी भागलपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं।


