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उ‌द्योग-संस्थान के बीच सहयोग स्थापित किए जाने के उद्देश्य से ब्रिजिंग एकेडमीया एंड इंडस्ट्री विषय पर हुआ आयोजन

बिहार के विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के तत्वावधान में राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय वैशाली तथा जिला प्रशासन के सहयोग से महाविद्यालय परिसर में वैशाली जिला में स्थापित प्रमुख उद्योगों के साथ एक सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि सुमित कुमार सिंह मंत्री, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार, विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रतिमा, सचिव, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार, विशेष अतिथि यशपाल मीणा, जिला पदाधिकारी, वैशाली, वैशाली जिला के पुलिस अधीक्षक, हर किशोर राय, बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय पटना के पदाधिकारी, बिआडा के पदाधिकारीगण, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स तथा बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनंत कुमार के उपस्थित में किया गया।

‘सभी संस्थाओं में उद्यमिता हेतु स्टार्टअप सेल आदि स्थापित की गई’
उक्त सम्मेलन में भाग लिए जाने हेतु लगभग 50 से 60 प्रमुख उद्योगी यथा ब्रिटानिका इंडस्ट्री, अनमोल इंडस्ट्री लिमिटेड, सोना बिस्किट लिमिटेड एक्सेल पेपर पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड नेशनल प्लास्टो प्रोडक्ट लिमिटेड, नारायणी पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड जिएनसी फैब्रिक प्राइवेट लिमिटेड, अम्रपाली फूड लिमिटेड, आसमा फूड एंड बेबरेज प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड, ट्रेडवेल इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड इत्यादि की सहभागिता रही। मौके पर उपस्थित माननीय मंत्री महोदय ने बताया कि राज्य के सात निश्चय के तहत सभी इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज में नियमित शिक्षा हेतु अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के अनुसार डिपार्टमेंटल लैबोरेट्रीज तथा छात्र-छात्राओं में संवाद-दक्षता हेतु उच्च कोटि का लैंग्वेज-लैब स्थापित किया गया है। उद्योग के मांग के अनुसार नए-नए पाठ्यक्रम एवं सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है। सभी संस्थाओं में उ‌द्यमिता हेतु स्टार्टअप सेल आदि स्थापित की गई है। संस्थाओं में इंस्टीट्यूशन डेवलपमेंट सोसाइटी की स्थापना की गई है, जिसमें उद्योग के प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया गया है ताकि संस्थान के विकास में मंतव्य प्राप्त किया जा सके। सरकार के द्वारा कंसल्टेंसी पॉलिसी भी लागू की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य उद्योगों को टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन प्रदान किया जाना है तथा साथ ही उनकी आवश्यकता के अनुरूप ऐप्स इत्यादि विकसित किया जाना है। संस्थान एवं उद्योग एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों के सहभागिता से ही राज्य का विकास संभव है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य यह है कि हम दोनों एक दूसरे के आवश्यकता को समझे और उसे पूरा करें। अपने रोचक संबोधन में मंत्री जी ने सभा में उपस्थित सभी को उत्साहित किया।

विभाग की सचिव, डॉ. प्रतिमा ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत रूप से पीपीटी के माध्यम से उद्योग जगत को अवगत कराया। आपने बताया कि बिहार के 38 जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित है, जो अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के मानक को पूरा करता है। उद्योग जगत को यह बताया गया कि राज्य सरकार के द्वारा ऐसे सभी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके फलस्वरुप छात्र-छात्राओं को उद्योग जगत के मांग के अनुसार तकनीकी रूप से दक्ष किया जा सके। आवश्यकता इस बात की है कि उ‌द्योग जगत भी छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करे, जिससे उन्हें भरपूर अवसर प्राप्त हो सके और उनके नियोजन में भी सकारात्मक भूमिका निभाई जा सके। सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि उद्योग के लिए उपयुक्ता Research and Development (R&D) की गतिविधि भी की जाती है तथा उद्योगों को IT Services, छोटे-मोटे Equipment manufacturing, Soil Testing, Concrete Strength Testing आदि Consultancy Services उद्योगों को उपलब्ध कराई जा रही है।

‘छात्र-छात्राओं को सुनहरा रोजगार का अवसर प्राप्त होगा’
जिलाधिकारी महोदय के द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार की नीति के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा उद्योग की स्थापना में अत्यंत ही सकारात्मक भूमिका निभाई जा रही है परंतु उ‌द्योग में उपयोग किए जा रहे तकनीकी के संबंध में तकनीकी संस्थान के साथ परस्पर सहयोग के उपरांत ही आधुनिक तकनीकी की जानकारी उन्हें प्राप्त हो सकेगी। आवश्यकता है कि उद्योग और संस्थान के बीच एक स्थाई एवं सुदृढ संबंध विकसित हो ताकि आवश्यकता के अनुरूप छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जा सके और उन्हें रोजगार के लिए अन्य राज्यों में जाने की आवश्यकता ना हो। जिला पुलिस अधीक्षक राय के द्वारा यह बताया गया कि उद्योग और संस्थान के बीच का दृढ़ संबंध निश्चित रूप से तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए वरदान साबित होगा। एक तरफ उद्योग जगत को नई तकनीकी का सहयोग प्राप्त होगा एवं दूसरे तरफ छात्र-छात्राओं को सुनहरा रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।

बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी तथा बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल के द्वारा छात्र-छात्राओं को उद्योग मांग के अनुरूप तकनीकी रूप से दक्ष बनाए जाने हेतु बहुमूल्य सुझाव दिए गए। उपस्थित सभी उद्योग प्रतिनिधियों के द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप तथा रोजगार का अवसर उद्योग में प्राप्त कराया जाएगा एवं संस्थाओं के साथ प्रभावकारी समन्वय भी स्थापित किया जाएगा ताकि एक दूसरे से लाभान्वित हो सकें।


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