बतिया/चंपारण: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के अंतिम दिन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बेतिया में बड़ी जनसभा को संबोधित किया। शाह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि एनडीए को मजबूत करने के लिए ‘तीर’ छाप पर बटन दबाएँ और बिहार में जंगलराज की वापसी को रोकें।
उन्होंने कहा कि चंपारण ने अतीत में अपहरण, फिरौती और सामूहिक हत्याओं के दौर को देखा है और इस बार जनता को एक बार फिर अपराध के उस अध्याय को लौटने से रोकना होगा।
“जब आप तीर छाप पर वोट देंगे, तो यह सिर्फ विधायक चुनने के लिए नहीं, बल्कि जंगलराज को वापस आने से रोकने के लिए होगा,” शाह ने कहा
“चंपारण ने जंगलराज झेला, अब दोबारा नहीं”
शाह ने कहा कि पिछली बार चंपारण ने नौ में से आठ सीटें एनडीए को दी थीं, इस बार जनता नौ की नौ सीटें दे।
उन्होंने कहा:
“चंपारण को मिनी चंबल बनाने वालों को जवाब देना है। हमारा तिरहुत नक्सलवाद झेल चुका है, आज मोदी सरकार ने बिहार को नक्सलवाद से लगभग मुक्त कर दिया है और 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद खत्म कर देंगे।”
लालू-तेजस्वी पर सीधा हमला
शाह ने लालू परिवार को निशाने पर लेते हुए कहा कि आरजेडी के शासन में बिहार की दशकों पुरानी चीनी मिलें बंद हुईं और गरीब किसान तबाह हुए।
उन्होंने कहा:
“लालू यादव, उनकी पार्टी और उनके बेटे शहाबुद्दीन अमर रहे के नारे लगाते हैं। क्या वो फिर जंगलराज लाना चाहते हैं?”
अमित शाह ने वादा किया कि रीगा चीनी मिल की तरह बिहार की सभी बंद चीनी मिलें शुरू की जाएंगी और राज्य में पाँच नई चीनी मिल लगाने का काम भी किया जाएगा।
साथ ही उन्होंने लालू परिवार पर एक के बाद एक घोटालों का आरोप लगाया—
चारा घोटाला
लैंड फॉर जॉब स्कैम
होटल घोटाला
अलकतरा घोटाला
बाढ़ राहत घोटाला
भर्ती घोटाला
एबी एक्सपोर्ट घोटाला
“करोड़ों का भ्रष्टाचार करने वाले बिहार का भला नहीं कर सकते,” शाह ने कहा।
महिलाओं और युवाओं से अपील
शाह ने कहा कि बिहार की ‘जीविका दीदी’ यानी महिला समूहों की ताकत से जंगलराज की वापसी नहीं होने दी जाएगी और युवा अपने राज्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।
एनडीए के पक्ष में पूरा दम
दरभंगा और मोतिहारी की जनसभाओं के बाद बेतिया में शाह की यह तीसरी बड़ी रैली थी। उन्होंने कहा कि मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास, सुरक्षा और रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं और यह यात्रा जारी रहनी चाहिए।
“बिहार को फिर भय से भरोसा की ओर ले जाना है और यह काम सिर्फ एनडीए कर सकता है।”


