पटना। बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ठप पड़ी राजस्व व्यवस्था को पुनः सक्रिय करने के लिए राज्य सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। अब अमीन और पंचायत सचिवों को दाखिल-खारिज, जमाबंदी जैसे राजस्व कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से यह निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और सचिव जय सिंह की ओर से सभी जिलाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिए गए। बैठक में तय किया गया कि सोमवार, 26 मई 2025 से अमीन और पंचायत सचिवों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू होगा, जिसमें उपस्थिति अनिवार्य होगी।
लैपटॉप वापसी और संविदा बहाली के निर्देश
राज्य सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों से सोमवार शाम 5 बजे तक लैपटॉप वापस लेने का आदेश दिया है ताकि राजस्व से जुड़ा डिजिटल काम बाधित न हो। साथ ही सेवानिवृत्त राजस्व कर्मचारियों को संविदा पर बहाल करने का निर्णय लिया गया है। ऐसे कर्मचारी, जो सेवा में दोबारा आना चाहते हैं, वे 27 से 31 मई तक अपने जिलों के अपर समाहर्ता कार्यालय में पहचान पत्र के साथ संपर्क कर सकते हैं।
कर्मचारियों से बातचीत को तैयार सरकार
विभाग ने स्पष्ट किया है कि वह हड़ताली कर्मचारियों की मांगों के प्रति संवेदनशील है। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि यदि कर्मचारी हड़ताल समाप्त करते हैं, तो अगले ही दिन उनकी मांगों पर चर्चा के लिए वार्ता आयोजित की जाएगी। लेकिन इसके लिए उन्हें पहले कार्य पर लौटना अनिवार्य होगा।
जिलाधिकारियों को निगरानी के निर्देश
सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे राजस्व कार्यों की नियमित निगरानी और निरीक्षण करें ताकि पारदर्शिता और कार्य की गति सुनिश्चित की जा सके। हड़ताल से उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने के लिए यह कदम जनहित और प्रशासनिक स्थिरता के लिए बेहद आवश्यक माना जा रहा है।