
पटना, 28 मई 2025: बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी प्रमुख दलों ने अभी से चुनावी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। इसी बीच बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आ सकता है, क्योंकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है।
AIMIM की महागठबंधन में दिलचस्पी
AIMIM के प्रवक्ता आदिल हसन ने मंगलवार, 27 मई को बयान देते हुए कहा:
“हम महागठबंधन के साथ गठबंधन करने में रुचि रखते हैं। हम इसे लेकर बहुत सकारात्मक हैं। हमारी विचारधारा बीजेपी को हराना और बिहार को सशक्त बनाना है।”
आदिल हसन ने आगे कहा कि AIMIM ने 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले भी महागठबंधन से संपर्क किया था, लेकिन तब यह गठजोड़ नहीं बन सका। इस बार पार्टी को तेजस्वी यादव के ग्रीन सिग्नल का इंतजार है।
बीजेपी और एनडीए पर तीखा हमला
प्रवक्ता आदिल हसन ने बीजेपी और एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि:
- “बिहार में एनडीए सरकार पूरी तरह से विफल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।”
- उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में बिहार ने एनडीए को 32 सांसद, 2019 में 39 और 2024 में 30 सांसद दिए, लेकिन इसके बावजूद बिहार को कुछ नहीं मिला।
गुजरात में निवेश, बिहार में बेरोजगारी
AIMIM ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला करते हुए कहा कि:
“सभी कंपनियों का निवेश गुजरात में हो रहा है। बिहार के मजदूरों को काम के लिए बाहर जाना पड़ता है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बिहार की लीची, लिट्टी-चोखा, चायपत्ती और क्रिकेट खिलाड़ियों की तो तारीफ करते हैं, लेकिन बिहार को बीमारू राज्य की स्थिति से बाहर लाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं करते।
क्या बदलेगा बिहार का राजनीतिक समीकरण?
अगर AIMIM महागठबंधन में शामिल होती है, तो यह गठबंधन के लिए अल्पसंख्यक वोट बैंक को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाएगा। हालांकि AIMIM की छवि वोटकटवा पार्टी के रूप में भी रही है, खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में।
अब देखना दिलचस्प होगा कि तेजस्वी यादव और महागठबंधन AIMIM को साथ लेने का फैसला करते हैं या नहीं।