मुंगेर। बिहार में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। मुंगेर विश्वविद्यालय को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कोर्स शुरू करने के लिए राजभवन से मंजूरी मिल चुकी है, और अब केवल उच्च शिक्षा निदेशालय की अंतिम सहमति का इंतजार है। सहमति मिलते ही यह कोर्स आगामी शैक्षणिक सत्र से शुरू कर दिया जाएगा।
दिसंबर 2023 में हुई थी घोषणा, अब मंजूरी के करीब
AI कोर्स की घोषणा दिसंबर 2023 में विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में तत्कालीन कुलपति द्वारा की गई थी। तब से लेकर अब तक लगातार प्रयास किए गए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक निजी संस्थान के साथ करार किया है, जो पाठ्यक्रम संचालन में सहयोग करेगा। पाठ्यक्रम की संरचना और शुल्क विवरण तैयार कर राजभवन को भेजा गया, जहां से मंजूरी प्राप्त हो चुकी है।
क्या पढ़ाया जाएगा AI कोर्स में?
इस कोर्स के तहत छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुनियादी और उन्नत अवधारणाएं सिखाई जाएंगी। इसके साथ ही वेब डिजाइनिंग, ई-मार्केटिंग, डेटा एनालिसिस जैसे व्यावहारिक और उद्योगोन्मुखी विषयों पर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कोर्स छात्रों को वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में आगे लाने के लिए तैयार किया गया है।
डिग्री के साथ डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्रोग्राम भी
कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि यह कोर्स न केवल स्नातक स्तर पर उपलब्ध होगा, बल्कि डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कार्यक्रम के रूप में भी संचालित किया जा सकता है, ताकि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें।
बिहार के छात्रों को मिलेगा बड़ा अवसर
इस कोर्स के शुरू होने से बिहार के छात्रों को AI पढ़ाई के लिए अन्य राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। इसके साथ ही यह राज्य के तकनीकी और शैक्षणिक क्षेत्र को नया आयाम देगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
पिछली देरी से सबक, प्रशासन तैयार
हालांकि, मुंगेर विश्वविद्यालय पहले भी शैक्षणिक सत्र में देरी को लेकर आलोचना झेल चुका है। अप्रैल 2025 में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के चार महीने की देरी पर छात्रों ने प्रदर्शन भी किया था। लेकिन इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि AI कोर्स को समय पर शुरू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं।