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वैशाली में राजस्व अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू: जिलाधिकारी दफ्तर पर धरना देना पड़ा भारी, कई सीओ को दंड

ByLuv Kush

मई 8, 2025
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हाजीपुर (वैशाली): बिहार के वैशाली जिले में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर 26 अक्टूबर 2024 को हुए धरना प्रदर्शन का असर अब दिखने लगा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस धरने में शामिल कई अंचल अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। अब दंडात्मक फैसले भी सामने आने लगे हैं। गोरौल और हाजीपुर सदर के सीओ (Circle Officer) को लेकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है।

गोरौल सीओ अंशु कुमार को वेतन वृद्धि पर रोक

गोरौल अंचल के अंचल अधिकारी अंशु कुमार पर बिना सूचना के डीएम ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने, कार्यालय परिसर में कर्मचारियों के साथ धरना देने और कार्यों में लापरवाही बरतने का आरोप है। जिलाधिकारी वैशाली ने 30 अक्टूबर 2024 को राजस्व विभाग को आरोप-पत्र भेजा था।

  • 2 दिसंबर 2024 को स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसका जवाब 31 दिसंबर को दिया गया।
  • स्पष्टीकरण की समीक्षा के बाद, विभाग ने दो वेतन वृद्धि पर रोक का दंड अधिरोपित किया है।
  • यह आदेश 2 मई 2025 को निदेशक, चकबंदी राकेश कुमार की ओर से जारी किया गया।

हाजीपुर सदर की सीओ अंजली कुमारी पर भी कार्रवाई की तलवार

हाजीपुर सदर की अंचल अधिकारी अंजली कुमारी भी 26 अक्टूबर को धरने में शामिल थीं। उनके खिलाफ सिर्फ प्रदर्शन का ही नहीं, बल्कि कई प्रशासनिक लापरवाहियों के भी आरोप लगाए गए हैं:

  • दाखिल खारिज, ई-मापी, ऑनलाइन लगान वसूली, एलपीसी, जमाबंदी डिजिटाइजेशन जैसे कई कार्यों में लापरवाही।
  • भूमि समाधान बैठक में अनुपस्थिति, जिससे हाजीपुर थाना क्षेत्र में भूमि विवाद का समाधान नहीं हो सका, और विधि व्यवस्था पर असर पड़ा।

जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर:

  • 2 दिसंबर 2024 को स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसका जवाब 21 दिसंबर को मिला।
  • विभागीय जांच प्रारंभ करने का फैसला लिया गया है।
  • अपर समाहर्ता वैशाली को जांच पदाधिकारी नियुक्त किया गया है।

अंजली कुमारी से अपेक्षा की गई है कि वे संचालन पदाधिकारी के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करें। इस बाबत पत्र निदेशक चकबंदी राकेश कुमार द्वारा जारी किया गया है।

धरना बना प्रशासनिक संकट का कारण

जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर राजस्व अधिकारियों का प्रदर्शन वैशाली प्रशासन के लिए बड़ा संकट बन गया था। हालांकि अधिकारी अपने हितों और समस्याओं को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन बिना अनुमति और सूचना के विरोध प्रदर्शन, सरकारी कार्य में बाधा और कार्यालय परिसर में नियमों के उल्लंघन जैसे मामलों को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य अंचल अधिकारियों पर भी विभागीय कार्रवाई की आंच कितनी गहराई तक पहुंचती है।

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