Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के इकलौते स्कूल की हालत दयनीय, हाईकोर्ट ने स्थिति पर जताई चिंता

ByLuv Kush

जुलाई 18, 2024
IMG 2930 jpeg

पटना हाईकोर्ट में राज्य के पश्चिम चम्पारण ज़िला स्थित हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था पर सुनवाई 8अगस्त,2024 को होगी। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन  की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई  की।

राज्य सरकार द्वारा आज कोर्ट में  प्रगति रिपोर्ट पेश किया गया। कोर्ट ने इसके अध्ययन के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी। कोर्ट ने पूर्व में गठित वकीलों की कमिटी को राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिक्षा की समस्याओं पर विचार विमर्श करने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट को बताया था कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड ही एकमात्र स्कूल है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि पहले यहाँ पर कक्षा एक से ले कर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी। लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया,इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई।उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि  कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया।साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया था।

यहाँ पर सौ बिस्तर वाला हॉस्टल छात्राओं के लिए था,जिसे बंद कर दिया गया।इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है।इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। कोर्ट ने जानना चाहा कि इतनी बड़ी तादाद में छात्राएं स्कूल जाना क्यों बंद कर दे रही है।पिछली सुनवाई में  कोर्ट ने कहा था कि जब इस स्कूल के लिए केंद्र सरकार पूरा फंड देती है, तो सारा पैसा स्कूल को क्यों नहीं दिया जाता हैं। इस मामलें पर अगली सुनवाई 8 अगस्त,2024 को की जाएगी।