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पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन में सीटों पर समझौता नहीं हो पाने के कारण टीएमसी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को बताया कि आखिर क्यों नहीं इंडिया गंठबंधन बंगाल में सफल हो गया। टीएमसी सांसद ने कहा कि इंडिया गठबंधन के दो मुख्य विरोधी हैं। पहला बीजेपी और दूसरा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी। चौधरी बीजेपी की भाषा बोलते हैं।

डेरेक ओ ब्रायन ने बताए तीन कारण 

डेरेक ओ ब्रायन ने पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन सफल नहीं होने के पीछे तीन कारण बताए। उन्होंने कहा कि पहला, दूसरा और तीसरा कारण, अधीर रंजन चौधरी हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी की वजह से पंश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन के बीच तालमेल नहीं हो पाया। तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओब्रायन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच गठबंधन कारगर नहीं होने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी जिम्मेदार हैं।

ममता बनर्जी ने बुधवार को अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था

इससे एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में राज्य में अकेले मैदान में उतरेगी। ओब्रायन ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में गठबंधन कारगर नहीं हो पा रहा, उसकी वजह अधीर रंजन चौधरी हैं। ओब्रायन ने संवाददाताओं से कहा,आम चुनाव के बाद यदि कांग्रेस अपना काम कर लेती है और अच्छी खासी संख्या में सीटों पर भाजपा को हरा देती है तो तृणमूल कांग्रेस उस मोर्चे में पूरी तरह शामिल रहेगी जो संविधान में विश्वास रखता है और उसके लिए लड़ता है।

  सीट बंटवारे में गतिरोध का समाधान निकलने की उम्मीद: रमेश

वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी को उम्मीद है कि तृणमूल कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर उपजे गतिरोध का समाधान निकाल लिया जाएगा। रमेश ने बागडोगरा हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ममता बनर्जी के बिना ‘इंडिया’ गठबंधन के बारे में सोच भी नहीं सकती, क्योंकि वह देश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ाई में अपरिहार्य हैं। उनका कहना था, ‘‘हम सभी चाहते हैं कि ममता बनर्जी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का हिस्सा बनें क्योंकि हमारा उद्देश्य समान है।

उन्होंने कहा कि अगर हम बंगाल और भारत में भाजपा को हराना चाहते हैं, तो उनकी बहुत जरूरत है। हमारे नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के मन में ममता जी के प्रति बहुत सम्मान है।  उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीट-बंटवारे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन हम चाहते हैं कि यह गतिरोध खत्म हो और हम इसका समाधान ढूंढ लेंगे।