महाबोधि मंदिर प्रबंधन में पूर्ण बौद्ध नियंत्रण की मांग तेज, 8 दिसंबर को बोधगया से पटना कूच करेंगे हजारों अनुयायी

गया। बिहार के गया जिले में महाबोधि मंदिर प्रबंधन में पूर्ण बौद्ध अधिकार की मांग को लेकर चल रहा धरना एक बार फिर उग्रता पकड़ रहा है। महुआबाद में ऑल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम के नेतृत्व में पिछले 298 दिनों से जारी अनिश्चितकालीन धरना अब पटना मार्च में बदलने जा रहा है। 8 दिसंबर 2025 (सोमवार) को हजारों भिक्षु, लामा और अनुयायी बोधगया से पटना के लिए कूच करेंगे।


बीटीएमसी एक्ट 1949 खत्म करने की मांग

धरना 12 फरवरी 2025 से जारी है। आंदोलनकारियों की प्रमुख मांग है कि बोधगया टेंपल मैनेजमेंट एक्ट 1949 को निरस्त किया जाए, ताकि महाबोधि मंदिर का संचालन पूरी तरह बौद्ध समुदाय के हाथ में आ सके।
वर्तमान समिति में 4 हिन्दू और 4 बौद्ध सदस्य शामिल हैं, जबकि अध्यक्ष गया के जिलाधिकारी होते हैं। प्रदर्शनकारी इसे धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं।


7 लाख हस्ताक्षर लेकर पहुंचेंगे मुख्यमंत्री आवास

ऑल इंडिया बुद्धिस्ट फोरम के महासचिव आकाश लामा ने बताया कि काफिला पटना मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर 7 लाख हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपेगा।
उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण है और किसी धर्म के प्रति कोई विरोध नहीं है।

आकाश लामा ने कहा—
“मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर वर्ग के लिए काम किया है, लेकिन हमारे धार्मिक अधिकार का समाधान अभी तक नहीं हुआ। जिस धर्म का स्थल है, उसका संचालन भी उसी समुदाय को मिलना चाहिए।”


अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर मंदिर में विशेष पूजा

रविवार को बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस पर बड़ी संख्या में भिक्षु और उपासक महाबोधि मंदिर पहुंचे।
बोधि वृक्ष के नीचे पूजा, परिक्रमा और बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
ज़िला प्रशासन की ओर से सुरक्षा बल तैनात रहा, लेकिन प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।

आकाश लामा ने कहा—
“महापरिनिर्वाण दिवस हमारे लिए महापरिवर्तन का भी प्रतीक है। बाबा साहब ने समान अधिकार दिए और उसी प्रेरणा से हम भी अपने पवित्र स्थल पर हक मांग रहे हैं।”


देशभर से जुटे बौद्ध अनुयायी

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से अनुयायी इस आंदोलन में शामिल हैं।
दिल्ली निवासी अनिल कुमार ने कहा कि “12 फरवरी से यहां हूं। जब तक बीटी एक्ट खत्म नहीं होगा, वापस नहीं जाऊंगा।”
उत्तर प्रदेश के भिक्षु अभय संबोधि ने कहा— “हम शांतिप्रिय हैं, सिर्फ अधिकार की मांग कर रहे हैं।”


पहले भी पटना पहुंचे थे, नहीं मिली थी मुलाकात

4 अप्रैल 2025 को लगभग 500 भिक्षु पटना आए थे, लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई।
भिक्षु कुछ देर मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे रहे और अधिकारियों के आश्वासन पर लौट गए।
इस बार आंदोलनकारियों का दावा है कि हजारों की संख्या में वे पटना कूच करेंगे और मुलाकात होने तक डटे रहेंगे।


 

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