बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब तस्करों के हौसले लगातार बुलंद हैं। जनवरी 2025 से नवंबर 2025 तक मुजफ्फरपुर में उत्पाद विभाग की कार्रवाई के आंकड़े साफ़ बताते हैं कि शराबबंदी के नियमों के बावजूद बड़ी मात्रा में शराब का उत्पादन, बिक्री और तस्करी जारी है।
11 महीने में 13,685 छापेमारी
मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से नवंबर 2025 तक मुजफ्फरपुर में 13,685 छापेमारी की गई। इन कार्रवाइयों के आधार पर:
- 2041 प्राथमिकी दर्ज
- 1833 शराब पीने वाले गिरफ्तार
- 1130 शराब तस्कर गिरफ्तार (जिसमें 37 महिला तस्कर शामिल)
कुल मिलाकर, 11 महीनों में 2963 लोगों की गिरफ्तारी शराब से जुड़े मामलों में हुई।
1.42 लाख लीटर शराब जब्त — कीमत लगभग ₹30 करोड़
उत्पाद विभाग ने इन 11 महीनों में भारी मात्रा में शराब और स्प्रिट जब्त की। जारी आंकड़े बताते हैं कि:
- देशी शराब: 1,45,500 लीटर
- चुलाई शराब: 59,70,030 लीटर
- स्प्रिट: 1,618 लीटर
- विदेशी शराब: 78,923.220 लीटर
- बीयर: 1,842.650 लीटर
कुल मिलाकर 1,42,299.400 लीटर शराब जब्त की गई, जिसकी बाजार कीमत लगभग 30 करोड़ रुपये आंकी गई है।
237 वाहन और 2500 किलो गांजा जब्त
उत्पाद विभाग ने शराब तस्करी में इस्तेमाल होने वाले 237 वाहन भी ज़ब्त किए हैं। साथ ही, कार्रवाई के दौरान 2500 किलो गांजा भी बरामद किया गया।
इसके अलावा:
- 28 घरों और गोदामों को सील किया गया
- कई मिनी शराब फैक्ट्रियाँ ध्वस्त की गईं
आगे भी जारी रहेगा अभियान: उत्पाद इंस्पेक्टर
उत्पाद इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा 11 महीनों में की गई 13,685 कार्रवाइयाँ बड़ी उपलब्धि हैं। उन्होंने कहा कि शराब तस्करों के खिलाफ अभियान आगे भी और सख्ती से चलाया जाएगा।


