राज्य में बढ़ते भूमि विवाद और जालसाजों द्वारा बनाए जा रहे फर्जी दस्तावेजों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। लगातार तीसरे दिन आयोजित इस समीक्षा बैठक में प्रधान सचिव सीके अनिल सहित सभी विभागीय वरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
भूमि विवाद रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएँ — फर्जी कागजात बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गलत भूमि दस्तावेज तैयार करने वाले माफिया तत्वों के कारण आम जनता को—
- न्यायालय तक चक्कर लगाने पड़ते हैं
- वर्षों तक भूमि विवाद झेलना पड़ता है
- आर्थिक और मानसिक परेशानी होती है
उन्होंने स्पष्ट किया—
“इस तरह के मामलों में उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की जाएगी और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ी तो केंद्र सरकार के सहयोग से नया कानून भी बनाया जाएगा।”
यह बयान दर्शाता है कि सरकार भूमि माफियाओं के खिलाफ बेहद सख्त रुख अपनाने जा रही है।
ई-मापी की शिकायतें बढ़ीं, उपमुख्यमंत्री ने कहा — ‘मॉनिटरिंग और सख्त की जाए’
ई-मापी प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं और अमीनों की शिकायतों पर उपमुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए निर्देश दिया कि—
- सभी अंचलों में ई-मापी की कड़ी निगरानी की जाए
- अमीनों के कार्यों का मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार की जाए
- रैयतों को जमीन मापने में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए
उन्होंने यह भी कहा कि अब—
“ई-मापी रिपोर्ट केवल विभाग द्वारा निर्धारित प्रोफार्मा में ही स्वीकार की जाएगी।”
कैथी लिपि विशेषज्ञों का पैनल बनाने का आदेश
बहुत से पुराने भूमि दस्तावेज कैथी लिपि में लिखे होने के कारण आम लोगों को उनकी समझ और सत्यापन में दिक्कत होती है।
इस समस्या का समाधान करते हुए उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिया—
- हर जिले में कैथी लिपि विशेषज्ञों का पैनल बनाया जाए
- उनकी सूची प्रत्येक अंचल कार्यालय में चस्पा की जाए
- इस पहल का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि लोग विशेषज्ञों तक आसानी से पहुँच सकें
यह कदम विवादों के समाधान में तेजी लाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
बिहारभूमि पोर्टल को और समृद्ध बनाने के निर्देश
बिहारभूमि पोर्टल, जो भूमि रिकॉर्ड की डिजिटल जानकारी उपलब्ध कराने वाला प्रमुख प्लेटफॉर्म है, उसके उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ाने के लिए उपमुख्यमंत्री ने विस्तृत कार्ययोजना बनाने को कहा।
उन्होंने कहा कि—
- पोर्टल को और उपयोगी बनाया जाए
- आमजन को इससे जुड़ी सुविधाओं की जानकारी दी जाए
- समय पर ऑनलाइन दाखिल–खारिज सुनिश्चित की जाए
रजिस्ट्री के बाद 90 दिनों के भीतर दाखिल–खारिज अनिवार्य करने का निर्देश
भूमि से जुड़े मामलों में देर से दाखिल–खारिज कराने की समस्या को देखते हुए उपमुख्यमंत्री ने सभी रजिस्ट्री कार्यालयों में यह सूचना प्रसारित करने का निर्देश दिया—
“रजिस्ट्री के 90 दिनों के भीतर दाखिल–खारिज के लिए आवेदन अवश्य करें, ताकि काम समय पर और नियमानुसार पूरा हो।”
बैठक में मौजूद अधिकारी
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी—
- सचिव जय सिंह
- सचिव गोपाल मीणा
- विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह
- निदेशक, चकबंदी निदेशालय राकेश कुमार
- निदेशक, भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय जे. प्रियदर्शिनी
- निदेशक, भू अर्जन निदेशालय कमलेश कुमार सिंह
- अपर सचिव डॉ. महेंद्र पॉल
- सहायक निदेशक अजीव वत्सराज, मोना झा
- ओएसडी मणिभूषण किशोर, सुधा कुमारी, सोनी कुमारी, अनुपम प्रकाश
- आईटी मैनेजर आनंद शंकर
- गजेटियर सेक्शन के संयुक्त राज्य संपादक नरेश कुमार
तथा अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।





