सन्हौला प्रखंड के सिलहन खजुरिया पंचायत में विकास के दावों की सच्चाई एक बार फिर उजागर हो गई है। मुख्यमंत्री की बहुचर्चित हर घर नल का जल योजना यहाँ पिछले छह महीनों से ठप पड़ी है। वहीं नाले की सफाई नहीं होने के कारण गंदा पानी सड़क पर फैल रहा है, जिससे ग्रामीणों का जीवन बेहाल हो चुका है।
स्थानीय लोग प्रशासनिक उदासीनता और पंचायत प्रतिनिधियों की निष्क्रियता से बेहद नाराज हैं।
नल-जल योजना पूरी तरह विफल, ग्रामीणों को निजी बोरिंग पर खर्च करने पड़ रहे पैसे
बेलडीहा गांव (वार्ड संख्या 11) की महिलाओं ने बताया कि “हर घर नल का जल” योजना सिर्फ कागजों पर चल रही है। गांव में लगा नल छह महीने से पानी नहीं दे रहा।
ग्रामीण महिलाओं के अनुसार—
- 50 से 60 घरों में पानी की भारी किल्लत
- हर परिवार को मजबूरी में 100–150 रुपये महीने निजी बोरिंग धारक को देने पड़ते हैं
- तभी उन्हें पानी उपलब्ध कराया जाता है
महिलाओं ने कहा कि—
“सरकार तो कहती है मुफ्त नल का जल मिलेगा, लेकिन हम महीनों से प्राइवेट बोरिंग के भरोसे हैं। अधिकारी सुनते ही नहीं।”
नाला बंद, सड़क पर गंदा पानी — बच्चे आए दिन गिरकर हो रहे घायल
गांव में बना नाला महीनों से साफ नहीं हुआ है। नतीजतन—
- नाले का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है
- सड़क कीचड़ और बदबू से भरी है
- छोटे बच्चे रोज फिसलकर गिर जाते हैं
- किसी भी प्रतिनिधि या अधिकारी ने समस्या का संज्ञान नहीं लिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि नाला बनने के बाद एक बार भी सफाई नहीं हुई। स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन मौन है।
ग्रामीणों ने प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि—
- नल-जल योजना बंद होने पर कोई अधिकारी जांच के लिए नहीं आया
- नाला सफाई के लिए पंचायत से कोई पहल नहीं हुई
- शिकायतें देने के बावजूद समस्या जस की तस बनी रही
एक महिला ग्रामीण का बयान—
“हम लोग रोजाना गंदगी में चलने को मजबूर हैं। बच्चों को लेकर घर से निकलने में भी डर लगता है। अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते हैं, काम कुछ नहीं करते।”
सिस्टम की नाकामी, ग्रामीणों की बढ़ती परेशानी
सिलहन खजुरिया पंचायत में—
- स्वच्छता की व्यवस्था ध्वस्त
- नल-जल योजना कार्यहीन
- अधिकारी व जनप्रतिनिधि गैर जिम्मेदार
इन समस्याओं ने ग्रामीणों की जीवनशैली को बेहद प्रभावित किया है। आम लोगों का कहना है कि सरकार योजनाएँ तो बनाती है, लेकिन उनका क्रियान्वयन जमीन पर नहीं हो रहा।
ग्रामीणों की मांग — तुरंत कार्रवाई हो, नल-जल योजना बहाल की जाए
गांव वालों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि—
- नल-जल योजना को तत्काल चालू किया जाए
- नाले की तुरंत सफाई कर सड़क पर बहना बंद कराया जाए
- संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो वे सामूहिक रूप से आवाज उठाएँगे।







