पटना: बिहार समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में आए तेज तूफान और भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में पूरी तरह पक चुकी धान की फसल अब बर्बादी की कगार पर है। मौसम की इस अचानक मार ने किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जिन खेतों में कुछ दिन बाद कटनी की तैयारी थी, अब वहां झुकी और गिरी हुई फसलें देखी जा रही हैं।
धान का कटोरा कहे जाने वाला तारापुर सबसे ज्यादा प्रभावित
मुंगेर जिले का तारापुर अनुमंडल, जिसे धान का कटोरा कहा जाता है, इस तूफान की सबसे बड़ी चपेट में आया है। तेज हवा और लगातार बारिश के कारण खेतों में खड़ी धान की फसल पूरी तरह झुक गई या गिर गई है। किसानों का कहना है कि बस कुछ दिनों में कटाई शुरू होने वाली थी, लेकिन अब फसल को बचाना मुश्किल हो गया है।
किसानों की जुबानी दर्द
तारापुर के कई किसानों ने बताया —
“पूरे साल मेहनत की, खेतों में पसीना बहाया। अब जब फसल घर लाने का वक्त आया, तो तूफान ने सब बरबाद कर दिया।”
किसानों के चेहरों पर अब खुशी की जगह मायूसी है। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर खेती की थी, लेकिन अब न तो धान बचेगा और न ही मेहनत का दाम मिलेगा।
फसल पर भारी नुकसान की आशंका
कृषि विभाग के अनुसार, अचानक आए इस तूफान और बारिश से धान की फसल पर भारी नुकसान की संभावना है। कई इलाकों में फसल पानी में डूब गई है, जबकि कुछ जगहों पर खेतों में कटाई लायक धान पूरी तरह झुक चुका है, जिससे कटाई और सुखाने दोनों में दिक्कतें आएंगी।
सरकार से मुआवजे की मांग
किसानों ने सरकार से तुरंत नुकसान का आकलन और मुआवजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते राहत नहीं मिली, तो कई किसान आर्थिक संकट में फंस जाएंगे।


