पटना: बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल अब पूरी तरह सियासी रंग में रंग चुका है। खासकर मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद पूरे राज्य की राजनीति गरमा गई है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेत्री राबड़ी देवी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि जब गरीब का राज होता है तो लोग उसे जंगलराज कहते हैं, लेकिन जब सत्ता के संरक्षण में अपराध होता है तो उसे क्या कहा जाए?
राबड़ी देवी ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान बिहार की मौजूदा कानून व्यवस्था, चुनावी माहौल और पारिवारिक राजनीति पर खुलकर बात की। उन्होंने पहली बार अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को लेकर सार्वजनिक रूप से अपनी राय रखी।
तेज प्रताप को लेकर बोलीं राबड़ी देवी
राबड़ी देवी से जब सवाल पूछा गया कि क्या वे अपने बेटे तेज प्रताप के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगी, तो उन्होंने कहा — “वह मन से तो बेटा है, लेकिन पार्टी और घर से उसे निकाला गया है। उसके प्रचार के लिए नहीं जाऊंगी, लेकिन दिल से चाहती हूं कि वह जीते। वह अपने पैरों पर खड़ा है और बिहार में काम करने का हक रखता है।”
उन्होंने आगे कहा कि परिवार में कभी-कभी मतभेद हो जाते हैं, लेकिन भाई-बहन एक ही हैं। “जिनका खुद का घर नहीं होता, वही दूसरों के घर में लड़ाई लगाते हैं।”
तेजस्वी यादव पर जताया भरोसा
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए कहा —
“जब मन में ठान लेता है तो करके दिखाता है। उसने 17 महीने में काम करके यह साबित किया है। राज्य की जनता को चाहिए कि वे पांच किलो राशन के बहकावे में न आएं।”
राबड़ी देवी ने जनता से अपील की कि वे बिहार में स्थायी बदलाव के लिए तेजस्वी यादव पर भरोसा करें। उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने जो वादा किया, उसे निभाया, और आने वाले समय में हर घर में सरकारी नौकरी पहुंचेगी।
राजनीतिक माहौल में बढ़ा तनाव
गौरतलब है कि मोकामा में जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद से बिहार का सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है। सभी प्रमुख दलों के नेता अब इस मुद्दे को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर हैं।



