मुंबई।फिल्म और टेलीविजन जगत के मशहूर अभिनेता सतीश शाह का शनिवार, 25 अक्टूबर दोपहर 2.30 बजे निधन हो गया। 74 वर्ष की आयु में उन्होंने मुंबई के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे किडनी से जुड़ी बीमारी से लंबे समय से जूझ रहे थे। उनके मैनेजर ने मीडिया को उनके निधन की पुष्टि की है। अभिनेता का अंतिम संस्कार 26 अक्टूबर को किया जाएगा। फिलहाल उनका पार्थिव शरीर अस्पताल में ही रखा गया है।
सतीश शाह के निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। अभी बॉलीवुड दिग्गज पीयूष पांडे के निधन की खबर से उबर भी नहीं पाया था कि सतीश शाह के जाने से इंडस्ट्री को एक और बड़ा सदमा लगा है।
‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ से घर-घर में बनाई पहचान
सतीश शाह को दर्शकों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रियता टीवी के सुपरहिट शो ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ से मिली थी। इसमें उन्होंने इंद्रवदन साराभाई यानी ‘इंदु’ का किरदार निभाया था। उनकी कॉमिक टाइमिंग, संवाद अदायगी और रत्ना पाठक शाह के साथ उनकी नोकझोंक ने इस शो को टीवी इतिहास का क्लासिक बना दिया। आज भी सोशल मीडिया पर इस शो के क्लिप्स और डायलॉग्स वायरल होते हैं।
टीवी से फिल्मों तक, हर किरदार में छोड़ी अमिट छाप
सतीश शाह ने टीवी के साथ-साथ हिंदी सिनेमा में भी अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने शाहरुख खान की सुपरहिट फिल्म ‘मैं हूं न’ में कॉलेज प्रिंसिपल की भूमिका निभाई थी। इसके अलावा ‘जाने भी दो यारों’, ‘शक्ति’, ‘उमराव जान’, ‘गमन’, ‘विक्रम बेताल’, ‘अर्जुन पंडित’, ‘दिल ने फिर याद किया’, और ‘हम तुम्हारे हैं सनम’ जैसी फिल्मों में भी उनके काम को सराहा गया।
टीवी में दिया बेमिसाल योगदान
1984 में प्रसारित हुआ सतीश शाह का सिटकॉम ‘ये जो है जिंदगी’ भारतीय टेलीविजन के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ था। इस शो के 55 एपिसोड्स में उन्होंने 55 अलग-अलग किरदार निभाए थे, जो उनकी अदाकारी की बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।
इसके बाद 1995 में आए शो ‘फिल्मी चक्कर’ में भी उन्होंने प्रकाश का यादगार किरदार निभाया।
गुजरात से मुंबई तक का सफर
सतीश शाह का जन्म गुजरात के मांडवी में हुआ था। उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे से अभिनय का प्रशिक्षण लिया।
वर्ष 1972 में उन्होंने डिजाइनर मधु शाह से विवाह किया। कोरोना काल में उन्होंने स्वयं कोविड-19 से लड़ाई लड़ी थी और पूरी तरह स्वस्थ हुए थे।
दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेंगे ‘इंदु’
सतीश शाह ने चार दशक से अधिक लंबे करियर में सैकड़ों भूमिकाएँ निभाईं, लेकिन उनकी सहज कॉमेडी, जीवंतता और अभिनय की गहराई उन्हें एक अलग मुकाम पर ले गई। उनके निधन से भारतीय सिनेमा ने एक सच्चा कलाकार खो दिया है।


