महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर बनी सहमति, वीआईपी को मिलीं 18 सीटें

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर लंबे समय से चल रही राजनीति अब धीरे-धीरे स्पष्ट रूप ले रही है। आरजेडी और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बीच सीटों का बंटवारा लगभग तय हो गया है। सूत्रों के अनुसार, मुकेश सहनी की वीआईपी को कुल 18 सीटों का अंतिम ऑफर दिया गया है, जिसे पार्टी ने स्वीकार कर लिया है। यह फैसला लंबे समय से दोनों दलों के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


कांग्रेस और आरजेडी के बीच खींचतान जारी

दरअसल, बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे की प्रक्रिया काफी पेचीदा रही है। कांग्रेस ने 60 से अधिक सीटों की मांग पर अड़ी हुई थी और 65 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही थी। वहीं, आरजेडी ने कांग्रेस के लिए 58 सीटों की सीमा तय की हुई थी, जिससे दोनों दलों के बीच कई दौर की चर्चा और तकरार हुई। आरजेडी ने अपनी रणनीति के तहत कांग्रेस के लिए 138 सीटें आरक्षित करने का फॉर्मूला पेश किया, जबकि बची हुई 40 सीटों को वाम दलों और वीआईपी में बांटने का प्रस्ताव रखा।


वामपंथी दलों की हिस्सेदारी पर भी सहमति

महागठबंधन के अंदर वामपंथी दलों ने भी अपने अधिकारों की मांग रखी है। भाकपा माले ने 18 सीटों पर उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है, जबकि सीपीआई ने 6 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
इसके अलावा चार अन्य सीटों पर सहमति के बाद उम्मीदवारों को उतारने की योजना है। इसके चलते गठबंधन में सीट बंटवारे की तस्वीर अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।


आरजेडी ने जारी किए 71 उम्मीदवारों की सूची

आरजेडी ने अब तक कुल 71 उम्मीदवारों को अपने सिंबल जारी कर दिए हैं।वहीं, सीपीएम का एक उम्मीदवार पहले ही नामांकन कर चुका है और दूसरा उम्मीदवार 16 अक्टूबर को नामांकन करेगा।मुकेश सहनी लगातार अपनी पार्टी की सीटों की संख्या घटते देख बेचैनी में हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार 18 सीटों का अंतिम प्रस्ताव वीआईपी के लिए स्वीकार्य रहा है।


गठबंधन में ‘फ्रेंडली फाइट’ की संभावना

महागठबंधन में सीट बंटवारे का मामला इसलिए भी जटिल हो गया है क्योंकि कुछ दलों ने बिना अंतिम समझौते के ही अपने उम्मीदवारों को सिंबल जारी करना शुरू कर दिया है।इससे आगामी चुनाव में कुछ सीटों पर घटक दलों के बीच ‘फ्रेंडली फाइट’ यानी आपसी मुकाबला होने की संभावना भी बनी हुई है।
यह स्थिति गठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है और गठबंधन की समग्र ताकत को प्रभावित कर सकती है।


राजनीतिक विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन के अंदर सीट बंटवारे की प्रक्रिया में तेजी तब आएगी जब कांग्रेस और आरजेडी के बीच अंतिम तालमेल बैठ जाएगा।
अभी के हालात यह संकेत देते हैं कि कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीटों के निर्धारण पर कई सीटों पर मतभेद रह सकते हैं।
वहीं वीआईपी के 18 सीटों के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने से गठबंधन में संतुलन बनाने की दिशा में कदम बढ़ा है।


निष्कर्ष

इससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के अंदर राजनीतिक हलचल अभी जारी रहेगी।
हालांकि वीआईपी को संतुष्ट करने के बाद भी कांग्रेस और आरजेडी के बीच शेष सीटों पर लंबी खींचतान बनी रह सकती है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि अगर सीट बंटवारे का मामला समय पर नहीं सुलझा, तो गठबंधन के भीतर कुछ सीटों पर आपसी मुकाबले की स्थिति उत्पन्न हो सकती है,
जो गठबंधन के चुनावी दांव-पेंच को प्रभावित करेगी।

संक्षेप में, बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे का मामला धीरे-धीरे सुलझ रहा है। वीआईपी को 18 सीटों का प्रस्ताव मिल गया है और यह स्वीकार कर लिया गया है। आरजेडी और कांग्रेस के बीच अभी भी सीटों के निर्धारण पर तकरार जारी है। वामपंथी दल और अन्य घटक दल भी अपनी हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं।
ऐसे में चुनाव से पहले महागठबंधन के अंदर राजनीतिक हलचल और रणनीति बनाने की प्रक्रिया तेज होने वाली है।


 

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