पटना, 24 सितंबर 2025: बिहार सरकार ने राज्य में पहला डिजिटल कृषि निदेशालय गठित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह निदेशालय कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने और किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने का काम करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
किसानों को मिलेगा रियल-टाइम लाभ
डिजिटल कृषि निदेशालय के गठन के बाद अब किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ रियल-टाइम में मिलेगा। मौसमवार और फसलवार पूर्वानुमान, बाजार की उतार-चढ़ाव की जानकारी और संकट के समय त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। निदेशालय के माध्यम से एकीकृत कृषि डेटाबेस तैयार होगा, जिससे किसानों को तेज और सटीक सेवाएं मिलेंगी।
तकनीक से खेती को मिलेगा नया आयाम
डिजिटल क्रॉप सर्वे, सैटेलाइट आधारित आंकड़े, ड्रोन तकनीक और मोबाइल एप के जरिए किसान अपने खेतों की निगरानी और पैदावार बढ़ाने में सक्षम होंगे। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि कृषि कार्य भी अधिक वैज्ञानिक और पारदर्शी बनेंगे। ई-गवर्नेंस टूल्स के इस्तेमाल से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भी तेजी आएगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा लाभ
डिजिटल कृषि निदेशालय के जरिए बिहार सरकार ने कृषि को आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृषि विकास नीति और पिछले 20 वर्षों के रोड मैप के तहत यह पहल किसानों की आय बढ़ाने, उत्पादन में सुधार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में सहायक होगी।
इस निदेशालय के गठन के साथ बिहार का कृषि क्षेत्र डिजिटल युग की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और राज्य अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बनकर उभरने की दिशा में अग्रसर है।


