बिहार सरकार देगी 8 लाख से अधिक चूजे, पशुपालन को मिलेगा बढ़ावा
पटना, 12 सितंबर।बिहार सरकार का पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग राज्य के कमजोर तबके के हजारों परिवारों के बीच अनुदानित दर पर चूजों का वितरण करने जा रहा है। यह पहल समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत की जाएगी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और पशुपालन को स्वरोजगार के रूप में बढ़ावा देना है।
योजना की मुख्य बातें
- प्रत्येक लाभुक परिवार को मिलेंगे 45 चूजे।
- कुल 8,01,900 चूजों का होगा वितरण।
- राज्य के सभी 38 जिलों में 17,820 परिवारों को मिलेगा लाभ।
- लो-इनपुट प्रजाति के चूजे दिए जाएंगे, ताकि पालन में कम लागत लगे और बेहतर उत्पादन हो।
आवेदन प्रक्रिया
इच्छुक लाभुकों को जिला पशुपालन कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन करना होगा।
आवेदन के साथ जमा करने होंगे ये दस्तावेज़:
- फोटो
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी
- पैन कार्ड
- आवास प्रमाण पत्र
- एससी/एसटी के लिए जाति प्रमाण पत्र
लाभुकों का चयन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।
खर्च और अनुदान
- प्रति चूजा अनुदानित दर : 10 रुपये।
- लाभुक का योगदान : 450 रुपये (45 चूजों पर)।
- सरकार का अनुदान : 2,700 रुपये (चूजों के लिए) + 1,000 रुपये (केज निर्माण हेतु)।
- यानी प्रति लाभुक कुल 3,700 रुपये सरकार खर्च करेगी।
लाभुकों का लक्ष्य
- सामान्य वर्ग : 5,660
- अनुसूचित जाति : 11,060
- अनुसूचित जनजाति : 1,100
क्यों है योजना खास
यह योजना न केवल ग्रामीण परिवारों को आर्थिक सहारा देगी बल्कि उन्हें स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाएगी। मुर्गी पालन को लाभकारी व्यवसाय बनाने और महिलाओं को सशक्त करने में भी यह कदम अहम भूमिका निभाएगा।


