मधुबनी/ग्रेटर नोएडा: शारदा यूनिवर्सिटी के बीटेक छात्र शिवम ने 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने हॉस्टल कमरे में फांसी लगाकर जीवन का अंत कर लिया। उनके सुसाइड नोट से पता चला कि उन्होंने अपनी असफलताओं के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया और परिजनों से माफी मांगी।
सुसाइड नोट में लिखी बातें
शिवम ने सुसाइड नोट में लिखा:
- “मैं यूजलेस हूं, बाबा-मां सॉरी। मैं आपके बुढ़ापे का सहारा नहीं बन सका।”
- “मेरी मौत का मैं ही जिम्मेदार हूं। किसी और को दोषी न ठहराया जाए।”
- यूनिवर्सिटी प्रबंधन से उन्होंने अनुरोध किया कि जमा की गई फीस माता-पिता को लौटाई जाए।
- उन्होंने शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश को महान बनाने के लिए सही एजुकेशन सिस्टम की आवश्यकता है।
शैक्षणिक दबाव और विफलताएं
- शिवम ने 2022-23 में शारदा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में CSE में दाखिला लिया।
- लगातार खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें थर्ड ईयर में प्रमोट नहीं किया गया।
- यूनिवर्सिटी ने उन्हें समर टर्म और अतिरिक्त अवसर दिया, लेकिन न्यूनतम CGPA हासिल नहीं हो सका।
- इसके बाद उन्हें सेकेंड ईयर में पुनः प्रवेश का विकल्प मिला, लेकिन उन्होंने यूनिवर्सिटी से दूरी बना ली।
परिवार पर टूटा दुख
शिवम की आत्महत्या से उनके परिवार पर गहरा दुख और सदमा है। परिजन इस कदम को समझ नहीं पा रहे हैं। यह घटना छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक दबाव पर गंभीर सवाल उठाती है।


