मुजफ्फरपुर (बिहार) — मड़वन प्रखंड के झखड़ा पंचायत के झूमन कुमार यादव की किस्मत ने ऐसा पलटा मारा कि खुद उसे भी यकीन नहीं हुआ। मुंबई के एक होटल में मजदूरी करने वाले झूमन के बैंक खाते में अचानक 10 लाख करोड़ से ज्यादा रुपए आ गए।
खुशी का ठिकाना नहीं, दोस्तों को वादा – “4-4 लाख दूंगा”
2 अगस्त की सुबह जब झूमन ने कोटक महिंद्रा बैंक का बैलेंस चेक किया, तो आंखें फटी रह गईं। बैलेंस में रकम गिनी नहीं जा रही थी। उन्होंने सोचा – “अब तो गांव की सड़क भी बन जाएगी, मंदिर भी, और गरीबों में पैसा भी बांट दूंगा।”
दोस्तों को बताया तो कोई जूस पिलाने लगा, कोई हाथ-पैर दबाने। झूमन ने भी दिल खोलकर वादा किया — “सबको 4-4 लाख दूंगा!”
चार दिन तक रखा राज़, फिर टूटी खुशी
झूमन ने 4 दिन तक किसी को नहीं बताया, सोचा मौका देखकर पैसा निकाल लेंगे। लेकिन खाते से एक रुपया भी नहीं निकल रहा था। आखिरकार 5 अगस्त को उन्होंने भाई और गांव के मुखिया को बताया।
अब तो हालत ये है कि उनके असली 3 हजार रुपए भी अकाउंट फ्रीज होकर फंसे पड़े हैं।
“फैक्ट्री खोल दूं या मंदिर बनवा दूं?”
दो बेटियों और एक बेटे के पिता झूमन ने सोचा था कि अगर पैसा निकल गया तो फैक्ट्री खोलेंगे, सड़क और मंदिर बनवाएंगे, गरीबों में 10-10 लाख बांटेंगे। लेकिन हकीकत में, पैसा खाते में “दिख तो रहा है, निकल नहीं रहा है”।
बैंक और पुलिस जांच में जुटी
कोटक महिंद्रा बैंक के इस खाते में इतनी भारी-भरकम रकम कहां से आई, ये अभी रहस्य है। साइबर DSP हिमांशु कुमार ने बताया — “मामला संज्ञान में है, खाता फ्रीज कर दिया गया है, जांच जारी है।”


