जन सुराज के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) ने आज कैमूर के भभुआ में आयोजित “बिहार बदलाव जनसभा” में जोरदार भाषण देकर सियासी हलकों में गर्मी ला दी। उन्होंने एक ओर जहाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर घेरा, वहीं दूसरी ओर हरियाणा में बिहारी किशोर के साथ हुई अमानवीय घटना पर भाजपा की चुप्पी पर तीखा सवाल दागा। अमेरिका में भारत पर ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ को लेकर भी उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया।
“अब लाठी नहीं, वोट से जवाब मिलेगा” — पीके का तीखा हमला
प्रशांत किशोर ने कहा —
“बिहार में अब लोकतंत्र नहीं, ‘लाठीतंत्र’ चल रहा है। जो भी सरकार से सवाल करता है, उस पर डंडा बरसाया जाता है। यह कोई नई बात नहीं है, पिछले 3 वर्षों में करीब 80 बार लाठीचार्ज कराए गए हैं। शिक्षकों, रसोइयों, आशा कार्यकर्ताओं, छात्रों — किसी को नहीं बख्शा गया। लेकिन अब बस तीन महीने बचे हैं। जनता जाग चुकी है, नवंबर में वोट की चोट देगी।”
हरियाणा में बिहारी किशोर से बर्बरता पर बीजेपी निशाने पर
किशनगंज के एक 15 वर्षीय बच्चे के साथ हरियाणा में हुई मारपीट की घटना का ज़िक्र करते हुए PK ने भाजपा को जमकर घेरा। उन्होंने कहा —
“उस बच्चे से जानवरों की तरह मजदूरी कराई गई, हाथ कट गया तो इलाज भी नहीं कराया गया। 150 किलोमीटर पैदल चलकर वो किसी तरह जान बचाकर बिहार लौटा। भाजपा के नेता बिहार में वोट मांग रहे हैं, लेकिन हरियाणा में उनकी ही सरकार इस घटना पर चुप है। यह कैसी राजनीति है?”
“विश्वगुरु” का दावा करने वालों को ट्रंप का जवाब दिख रहा है: पीके
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने को लेकर भी पीके ने भाजपा समर्थकों पर तंज कसा। उन्होंने कहा —
“जो लोग कल तक भारत को विश्वगुरु बता रहे थे, आज वो ट्रंप के इस फैसले पर चुप क्यों हैं? कल तक कहते थे ट्रंप मोदी से डरते हैं, आज देख लें — चीन के बाद सबसे बड़ा टैक्स भारत पर ही लगाया गया है। अब बताएँ, डर कौन रहा है?”
कार्यक्रम में भारी जनसमूह, तेज़ होती जन सुराज की गूंज
जनसभा में जन सुराज समर्थकों और स्थानीय लोगों की बड़ी भीड़ उमड़ी। कैमूर जिला अब PK की बदलाव यात्रा का नया केंद्र बन गया है। गांव-गांव में घूमकर प्रशांत किशोर की टीम सरकार की खामियों और बदलाव की ज़रूरत को लेकर संवाद कर रही है।
इस सभा ने यह साफ कर दिया कि जन सुराज अब सिर्फ एक यात्रा नहीं, एक जनआंदोलन बन चुका है।


