पटना, 6 अगस्त 2025: बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। मोकामा के कद्दावर पूर्व विधायक और चर्चित बाहुबली नेता अनंत सिंह बुधवार को बेऊर जेल से बाहर निकलते ही सियासी बयानबाज़ी के केंद्र बन गए। जेल से रिहाई के बाद उन्होंने सबसे पहले अपनी सवारी से सुर्खियां बटोरी — करीब 3 करोड़ की कीमत वाली शानदार लैंड क्रूजर में सवार होकर वह अपने आवास के लिए रवाना हुए। मीडिया और समर्थकों की भारी भीड़ के बीच अनंत सिंह का अंदाज़, बयान और ठसक सब कुछ चर्चा का विषय बन गया।
नीतीश कुमार को बताया भविष्य का “25 साल का मुख्यमंत्री”
जेल से बाहर आते ही अनंत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा –
“नीतीश कुमार ने बिहार में अभूतपूर्व विकास किया है। हम JDU से चुनाव लड़ेंगे। नीतीश जी अभी कम से कम 25 साल और मुख्यमंत्री रहेंगे।”
विपक्षियों के सवालों पर उन्होंने दो टूक कहा –
“विरोधी तो कभी किसी की तारीफ नहीं करते, इसलिए उनकी बातों को हम महत्व नहीं देते।”
यह बयान आते ही बिहार की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि अनंत सिंह की JDU में वापसी तय मानी जा रही है और 2025 के विधानसभा चुनाव में वह फिर से मोकामा या आसपास की सीट से सत्ता में वापसी की तैयारी कर रहे हैं।
पटना हाईकोर्ट से मिली जमानत – कौन से केस में?
मंगलवार को पटना हाईकोर्ट की जस्टिस चंद्रशेखर झा की बेंच ने अनंत सिंह को मोकामा शूटआउट मामले (पचमहला थाना कांड संख्या 5/2025) में जमानत दी थी। इस केस में उन पर खुलेआम गोलीबारी करने, लोगों को धमकाने और हिंसा फैलाने का आरोप है।
जमानत की शर्तें:
- अनंत सिंह को 10 हजार रुपये का व्यक्तिगत बांड भरना होगा।
- उनके दो जमानतदारों को भी इतनी ही राशि की गारंटी देनी होगी।
APP और पीड़ित पक्ष ने किया था कड़ा विरोध
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार की ओर से APP (एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर) और पीड़िता उर्मिला देवी के वकील ने मिलकर विरोध किया।
उनकी दलीलें रहीं:
- FIR में स्पष्ट रूप से अनंत सिंह पर गोलियों की बौछार करने का आरोप है।
- उनका लंबा आपराधिक इतिहास है और वे समाज के लिए खतरा हैं।
- बेल मिलना कानून व्यवस्था पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
हालांकि, बचाव पक्ष ने कोर्ट में तीन ठोस दलीलें रखीं, जिनके आधार पर कोर्ट ने उन्हें राहत दी।
राजनीतिक समीकरणों में हलचल
अनंत सिंह की रिहाई और नीतीश कुमार के पक्ष में दिया गया बयान अब कई सवाल खड़े कर रहा है:
- क्या JDU में उनकी औपचारिक वापसी जल्द होगी?
- क्या वे 2025 में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे?
- क्या उन्हें JDU टिकट देने के बदले केसों से राहत मिल रही है?
इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति की दिशा तय कर सकते हैं।
बैकग्राउंड: कौन हैं अनंत सिंह?
अनंत सिंह, जिन्हें लोग ‘छोटे सरकार’ के नाम से भी जानते हैं, मोकामा से चार बार विधायक रह चुके हैं। उन पर हत्या, अपहरण, आर्म्स एक्ट, धमकी, और गैंग वॉर जैसे 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं।
2019 में AK-47 और हैंड ग्रेनेड मामले में गिरफ्तारी के बाद से वह लगातार कानूनी पचड़ों में उलझे रहे हैं। हालांकि, हर बार उन्होंने सियासी और जन समर्थन के बूते सिस्टम को चकमा देकर वापसी की है।
क्या बोले समर्थक?
बेऊर जेल के बाहर मौजूद समर्थकों में जबरदस्त उत्साह था। एक समर्थक ने कहा:
“छोटे सरकार वापस आ गए हैं, अब मोकामा में फिर से राज करेंगे।”
बाहुबली अनंत सिंह की वापसी ने एक बार फिर बिहार की सियासत को गरमा दिया है। उनके नीतीश कुमार के पक्ष में दिए गए बयान और JDU से लड़ने की घोषणा ने विपक्ष को भी रक्षात्मक मुद्रा में ला दिया है।
अब देखना है कि अनंत सिंह के लौटने से बिहार की राजनीति किस करवट बैठती है — सत्ता को मजबूती या फिर विरोध को धार?


