खगड़िया में दारोगा और चौकीदार रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार, निगरानी की टीम ने पटना ले जाकर किया बड़ा खुलासा

खगड़िया। खाकी पर फिर दाग लगा है! नगर थाना में तैनात एसआई सीमा कुमारी और चौकीदार वीरू पासवान को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया। पटना से आई निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को यह बड़ी कार्रवाई कर खगड़िया पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया।

निगरानी डीएसपी अरुणोदय पांडेय के नेतृत्व में चलाए गए इस ऑपरेशन में दारोगा और चौकीदार को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए धर-दबोचा गया। गिरफ्तारी के बाद दोनों को सर्किट हाउस लाया गया, जहां प्रारंभिक पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद टीम उन्हें पटना लेकर रवाना हो गई।


लोन मामले की जांच के एवज में मांगी गई थी घूस

सूत्रों के मुताबिक, मामला मानसी प्रखंड के राजाजान गांव निवासी अनिल कुमार साह से जुड़ा है, जिन्होंने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि बैंक लोन मामले से जुड़े केस की तेजी से जांच और चार्जशीट फाइल करने के लिए दारोगा सीमा कुमारी उनसे रिश्वत मांग रही थीं।

निगरानी टीम ने सोमवार को ही शिकायत की गुप्त जांच (सत्यापन) की थी और रिश्वत मांगने की बात पूरी तरह सही पाई गई। इसके बाद मंगलवार को सटीक रणनीति के तहत जाल बिछाया गया और आरोपी पुलिसकर्मियों को रंगेहाथ पकड़ लिया गया।


नगर थाने में मचा हड़कंप, 2018 बैच की दारोगा पर कलंक

गिरफ्तारी की खबर लगते ही नगर थाना परिसर में हड़कंप मच गया। आरोपी दारोगा सीमा कुमारी 2018 बैच की बताई जा रही हैं, जिन्हें अब तक तेजतर्रार माना जाता था। चौकीदार वीरू पासवान भी काफी लंबे समय से नगर थाने में कार्यरत थे।

स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने फिलहाल मामले पर चुप्पी साध रखी है, जबकि निगरानी डीएसपी ने साक्ष्यों के साथ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।


खगड़िया पुलिस पर फिर सवालिया निशान

यह मामला सिर्फ एक रिश्वतखोरी का नहीं, बल्कि पुलिस व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार की परतें खोलता है। जिस थाने को न्याय का प्रतीक माना जाता है, वहीं जब पीड़ित को इंसाफ की बजाय रिश्वत के दलदल में धकेला जाए, तो आम जनता का भरोसा कहां जाएगा?


अब आगे क्या? निगरानी ब्यूरो ने शुरू की कड़ाई से जांच

निगरानी ब्यूरो की टीम ने पटना ले जाकर दोनों आरोपियों से पूछताछ और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। संभव है कि आने वाले दिनों में अन्य कर्मचारियों या अफसरों की संलिप्तता भी उजागर हो।

एक बार फिर यह साबित हुआ कि रिश्तों और रुतबे से ऊपर कानून का डंडा है। निगरानी टीम की सटीक कार्रवाई ने भ्रष्टाचारियों को यह साफ संकेत दे दिया है कि अब बचना आसान नहीं। खगड़िया

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  • Kumar Aditya

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