पटना, 23 जुलाई 2025:पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को राज्य के विभिन्न विद्यालयों में वर्ष 2012 से पहले नियुक्त शिक्षकों को स्नातक प्रशिक्षित ग्रेड-पे देने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पूर्णेंदु सिंह ने शिक्षक राजेश कुमार पांडे द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया।
अदालत ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि वे सभी शिक्षक जो मध्य विद्यालयों में 2006 से 2012 के बीच नियोजित हुए, और जिनके पास स्नातक प्रशिक्षित अथवा समकक्ष योग्यता है, वे ग्रेड-पे और अन्य वित्तीय लाभों के अधिकारी हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 के तहत समानता का अधिकार प्राप्त है, जिससे उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता।
शिक्षा विभाग को 3 महीने में कार्यवाही का निर्देश
78 पन्नों के इस निर्णय में हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को तीन महीने के भीतर इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश उन सभी शिक्षकों पर लागू होगा जिन्हें 2012 से पूर्व नियोजित किया गया और जिन्हें स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान नहीं मिला।
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता समेत अन्य शिक्षकों को पंचायत शिक्षक के रूप में 2005 में नियुक्त किया गया था। लेकिन वर्ष 2012 की अधिसूचना से पहले की सेवा अवधि को स्नातक प्रशिक्षित ग्रेड-पे में शामिल नहीं किया गया, जिससे वे संशोधित वेतन और बकाया लाभों से वंचित रह गए थे। कोर्ट ने इसे अनुचित ठहराते हुए सरकार को सुधारात्मक कदम उठाने का आदेश दिया।


