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चिराग पासवान की हो रही BJP नेताओं से मुलाकात क्या गुर खिलायेंगे पशुपति चाचा

ByLuv Kush

अगस्त 28, 2024
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पीएम मोदी के कथित ‘हनुमान’ चिराग पासवान को एकबार फिर से पार्टी तोड़ देने का डर सता रहा है। चाचा पशुपति पारस से बीजेपी नेताओं की हो रही मुलाक़ात ने चिराग पासवान की चिंता बढ़ा दी है।

पहले पटना में पशुपति पारस की बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से मुलाकात हुई। इसके बाद अमित शाह से मिलने दिल्ली में अपने दूसरे वाले भतीजे को लेकर पशुपति पारस अमित शाह से मिलने पहुँच गये। राजनीति में ऐसे मेल-मिलापों के बड़े मायने होते हैं. चिराग पासवान कम से कम इतना तो समझते ही होंगे कि जिसने उनको एक समय पैदल कर दिया था।

अब वो सत्ता के ‘कंधे’ पर सवार होते दिख रहा है. लिहाजा, चिराग की बेचैनी बढ़ी हुई दिख रही है। बिहार विधानसभा चुनाव में पांव जमाने के लिए चाचा-भतीजा दोनों को मोदी और नीतीश की जरूरत है. पासवान परिवार में सियासी जंग अब शह-मात में बदलती दिख रही है. शह-मात का ये ‘खेल’ एक तरफा न हो, इसके लिए बड़ी पार्टियां बैलेंस बना रही हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक बार फिर से बनने के बाद चिराग पासवान ने एक भावुक लेटर सोशल मीडिया पर शेयर किया है.चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि ‘एक बार पुनः आप सभी ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी है, मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा।

आगे वो लिखते हैं -आप सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के विश्वास की डोर कभी टूटने नहीं दूंगा. आप सभी ने मुझपर विश्वास जताया, इसके लिए हृदय से आप सभी का धन्यवाद और आभार प्रकट करता हूं. बीते कुछ वर्षों में आपलोगों के साथ, सहयोग और समर्पण की वजह से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने राष्ट्रीय स्तर पर एक नया कीर्तिमान रचा है। चिराग पासवान ने लिखा कि ‘100% स्ट्राइक रेट के साथ सभी पांच सीटें हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई में हमलोगों ने प्रचंड जीत हासिल की।

अभी विधानसभा चुनाव सामने है, और जिस तरीके से हमलोगों ने लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर जीत हासिल की, उसी प्रकार विधानसभा चुनाव में भी सभी सीटें जीतकर एकबार फिर से बिहार में एनडीए की सरकार बनाना हमारा लक्ष्य है। इसी चिट्ठी में चिराग ने 2021 को भी याद किया है, जिसमें कहा, ‘मुझे अब भी 2021 का वह दिन याद है, जब संघर्षों के दौर से गुजर रहा था. मेरी पार्टी तोड़ दी गई, मुझे सभी पदों से हटा दिया गया। मेरी राजनीतिक पारी पर विराम लगाने की कोशिश की गई. लेकिन, यह आपलोगों का स्नेह, समर्थन और विश्वास ही था कि आपलोगों ने मुझे ना टूटने दिया और ना ही झुकने दिया.आपलोगों ने समर्पण भाव से मेहनत की और आज परिणाम सबके सामने है।