‘एक IPS ऑफिसर को अपनी बारात निकालने के लिए सुरक्षा मांगनी पड़ती है, तो फिर कैसे क्रीमीलेयर का प्रावधान कर सकते हैं’- चिराग पासवान

एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ आज भारत बंद बुलाया गया है. तमाम विपक्षी दलों ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है. इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि आज भी देश में एक दलित युवक को घोड़ी पर चढ़ने से रोका जाता है. एक दलित परिवार को मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाता है. उन्होंने कहा कि हद तो तब हो जाती है, जब हाल फिलहाल के दिनों में एक आईपीएस ऑफिसर अपनी बारात निकालने के लिए सुरक्षा मांगता है. ऐसे में कैसे अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण में क्रीमीलेयर का प्रावधान हो सकता है?

दलितों के साथ समाज में भेदभाव जारी’: एलजेपीआर चीफ ने आगे कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री भी मुख्यमंत्री रहते जब मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं तो उनके निकलते ही मंदिर को गंगा जल से धोया जाता है. आज की तारीख में भी समाज में भेदभाव के ये उदाहरण देखने को मिलते हैं. ऐसे में कैसे एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर का प्रावधान हो सकता है।

“एक दलित युवक को घोड़ी पर चढ़ने से रोका जाता है. एक दलित परिवार को मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाता है. और तो और हद तो तब हो जाती है, जब हाल फिलहाल के दिनों में एक आईपीएस ऑफिसर सुरक्षा मांगता है अपनी बारात निकालने के लिए, तो आप कैसे इसमें क्रीमीलेयर बना सकते हैं?”- चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री

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‘पीएम के सामने मैंने अपनी बात रखी’: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यही वजह है कि इन बातों को मैंने प्रमुखता से कैबिनेट मीटिंग में रखी. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तुरंत उसी कैबिनेट बैठक के बाद क्रीमीलेयर की जो संभावनाएं माननीय न्यायालय की ओर से जताई गईं थीं, उस पर सरकार की ओर से अपना रुख स्पष्ट कर दिया।

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