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पटना, 4 जुलाई।बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने दक्षिणी बिहार के पठारी जिलों में रहने वाले अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के किसानों के लिए एक बड़ी पहल की है। राज्य सरकार द्वारा तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना शुरू की गई है, जिसके तहत किसानों को 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा।


किन जिलों को मिलेगा लाभ?

इस योजना का लाभ बिहार के पठार बाहुल्य आठ जिलों को मिलेगा:

  • बांका
  • औरंगाबाद
  • गया
  • कैमूर
  • नवादा
  • जमुई
  • मुंगेर
  • रोहतास

क्या है योजना की विशेषताएं?

  • तालाब निर्माण के लिए 0.4 से 1 एकड़ तक की भूमि पर 16.70 लाख रुपये प्रति एकड़ लागत पर सहायता।
  • सहायता में शामिल होंगे: तालाब निर्माण, ट्यूबवेल, सोलर पंप, इनपुट्स और शेड निर्माण।
  • लाभार्थियों को कुल लागत का 80% अनुदान सरकार की ओर से मिलेगा।
  • यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लागू है।
  • आवेदन की अंतिम तिथि: 31 अगस्त 2025

क्या होनी चाहिए पात्रता?

  • लाभार्थी एससी/एसटी समुदाय का हो।
  • उसके पास निजी भूमि या न्यूनतम 9 वर्षों के लिए लीज पर भूमि हो।
  • निजी भूमि के लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र/मालगुजारी रसीद,
    लीज भूमि के लिए ₹1000 के नॉन-ज्यूडिशियल स्टांप पर एग्रीमेंट आवश्यक।

किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?

  1. जाति प्रमाण पत्र
  2. प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
  3. आधार कार्ड
  4. राशन कार्ड
  5. मतदाता पहचान पत्र
  6. भूमि का नक्शा
  7. मोबाइल नंबर
  8. बैंक खाता विवरण और IFSC कोड

कैसे होगा चयन?

लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता वाली चयन समिति द्वारा किया जाएगा।


आवेदन और जानकारी कहाँ से प्राप्त करें?

  • आवेदन की अंतिम तिथि: 31 अगस्त 2025
  • योजना की विस्तृत जानकारी और आवेदन प्रक्रिया:
    https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html

राज्य सरकार की पहल – आर्थिक उन्नति की दिशा में एक और कदम

यह योजना बिहार सरकार के उस विजन का हिस्सा है जिसमें पठारी और पिछड़े क्षेत्रों के किसानों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाया जाना है। इससे न सिर्फ मत्स्य उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।