पटना, 16 जून।ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और सतत विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बिहार में 500 मेगावाट-घंटा (MWh) क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
यह परियोजना वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) योजना के तहत संचालित होगी। भारत सरकार ने इस परियोजना के लिए प्रति मेगावाट-घंटा 27 लाख रुपए या कुल पूंजी लागत का 30% (जो भी कम हो) की दर से 135 करोड़ रुपए की वीजीएफ सहायता स्वीकृत की है।
15 जगहों पर लगेगी बैटरी भंडारण प्रणाली
इस परियोजना के तहत 125 मेगावाट क्षमता की बैटरियां स्थापित की जाएंगी, जिनकी चार घंटे की भंडारण क्षमता होगी। इससे कुल 500 MWh ऊर्जा भंडारण की व्यवस्था हो सकेगी।
इसके लिए राज्य के 15 ग्रिड सबस्टेशनों का चयन किया गया है:
मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, भागलपुर (नया), सीतामढ़ी, फतुहा, मुशहरी, उदाकिशुनगंज, जमुई (नया), अठवां (नालंदा), जहानाबाद, रफीगंज, शिवहर, सिवान (नया), किशनगंज और बांका (नया)।
प्रत्येक ग्रिड पर 5 से 20 मेगावाट क्षमता की बैटरियां स्थापित की जाएंगी। अब तक 6 ग्रिड स्थानों के लिए सफल निविदाकर्ता का चयन कर लिया गया है, जबकि शेष स्थानों के लिए प्रक्रिया जारी है।
बिजली आपूर्ति और ऊर्जा प्रबंधन में सुधार
यह परियोजना न केवल 24×7 गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी, बल्कि पीक डिमांड के दौरान बिजली की मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी। इसके जरिए नवीकरणीय ऊर्जा का बेहतर उपयोग और कम लागत पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
ऊर्जा मंत्री ने बताया ऐतिहासिक कदम
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा,
“मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। यह परियोजना बिहार की ऊर्जा व्यवस्था को अधिक लचीला, भरोसेमंद और पर्यावरण अनुकूल बनाएगी। यह तकनीकी नवाचार और सतत विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।”
दूरदर्शी सोच का परिणाम
यह परियोजना राज्य और केंद्र सरकार की ऊर्जा प्रबंधन और नवीन तकनीकों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसके माध्यम से बिहार में ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरणीय संतुलन और उपभोक्ता हितों को सर्वोपरि रखा जाएगा।