
पटना, 28 जून 2025:राज्य के पुलिस थानों और पुलिस लाइनों को अब ऊर्जा संरक्षण की दिशा में सशक्त किया जा रहा है। जहां भी 50 किलोवॉट से अधिक बिजली की खपत हो रही है, वहां सौर ऊर्जा संयंत्र (सोलर प्लांट) लगाए जाएंगे। इसके लिए ऐसे भवनों की पहचान शुरू कर दी गई है। यह जानकारी एडीजी (आधुनिकीकरण, एससीआरबी एवं ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी।
2007-08 से अब तक 1014 थाने स्वीकृत, 737 भवन पूरे
एडीजी ने बताया कि वर्ष 2007-08 से अब तक 1014 थाना भवनों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 737 भवन पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 277 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने यह भी बताया कि 2025-26 में 17 नए थानों की स्वीकृति दी गई है और 37 भवनों का निर्माण इसी वर्ष पूर्ण हुआ है।
80 थानों के पास अब तक भूमि नहीं
राज्य में अब भी 80 थाने ऐसे हैं जिनके पास खुद की भूमि और भवन नहीं है। इसके लिए भूमि की तलाश की जा रही है। वहीं 34 चिन्हित स्थानों पर भूमि विवाद के चलते निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
महिला पुलिस कर्मियों के लिए विशेष सुविधाएं
राज्य के 545 थाना भवनों में महिलाओं के लिए बैरक का निर्माण किया गया है, जिनमें 5 से 20 महिला कर्मियों के ठहराव की सुविधा है। इसके अलावा 25 पुलिस केंद्रों में 100 से 500 क्षमता वाले महिला बैरकों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
एडीजी ने यह भी कहा कि अब जितने भी नए भवन बन रहे हैं, उनमें महिला कर्मियों के लिए अलग बैरक और शौचालय अनिवार्य रूप से बनाए जा रहे हैं। 678 थानों में पांच सीट वाले और 257 थानों में दो सीट वाले शौचालयों का निर्माण हो चुका है।
साइबर और यातायात थानों के लिए भी होंगे भवन
राज्य के 43 साइबर थानों और 43 यातायात थानों के लिए भी भवन निर्माण की योजना बनाई गई है। इनमें से 28 यातायात थानों के लिए भवनों की स्वीकृति मिल चुकी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
निर्माण के लिए तय हैं मॉडल ए, बी और सी
पुलिस भवनों के निर्माण को लेकर तीन तरह के मानक मॉडल — ए, बी और सी निर्धारित किए गए हैं, जिनके आधार पर सभी भवनों का निर्माण कराया जा रहा है।