
नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बीते 11 वर्षों में विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। देश हाल ही में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 2014 के बाद से भारत की जीडीपी दोगुनी से अधिक बढ़कर 4.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गई है।
उन्होंने बताया कि भारत अब वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा और तेल उपभोक्ता, चौथा सबसे बड़ा रिफाइनर और एलएनजी आयातक है। वर्ष 2047 तक भारत में ऊर्जा की मांग ढाई गुना बढ़ने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने ऊर्जा सुरक्षा को विकास सुरक्षा का मूलमंत्र बनाते हुए ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं।
ऊर्जा क्षेत्र में 4-आयामी रणनीति
भारत सरकार की ऊर्जा नीति उपलब्धता, सामर्थ्य, स्थिरता और विविधता के चार स्तंभों पर आधारित है।
- तेल और गैस उत्पादन में दोगुना वृद्धि
- ‘नो-गो ज़ोन’ की नीति में 99% कटौती
- इथेनॉल मिश्रण 1.5% से 19.7% तक
- ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और बायोगैस संयंत्र का तेजी से विस्तार
जैव ईंधन और गैस उत्पादन में नया रिकॉर्ड
पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण 2013 में 1.5% से बढ़कर 2025 में 19.7% हो गया है। इससे अब तक 1.26 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचत और 643 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। साथ ही, किसानों को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है।
गैस उत्पादन भी वर्ष 2020-21 में 28.7 बीसीएम से बढ़कर 2023-24 में 36.4 बीसीएम तक पहुँच गया है।
पेट्रोलियम बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास
देश में 25,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन, 96,000 पेट्रोल पंप, 1.5 करोड़ PNG कनेक्शन और 7,500+ CNG स्टेशन अब परिचालन में हैं। पीएम गति शक्ति के ज़रिए एक लाख से अधिक परिसंपत्तियों का डिजिटल मैपिंग कर परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाई गई है।
जनहित में ईंधन कीमतों पर नियंत्रण
वैश्विक LPG कीमतों में 58% वृद्धि के बावजूद, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थी प्रति सिलेंडर केवल 553 रुपये चुका रहे हैं। सरकार ने उत्पाद शुल्क में कटौती और लक्षित सब्सिडी के माध्यम से आम नागरिकों पर बोझ नहीं पड़ने दिया।
भारत बना ऊर्जा रणनीति में वैश्विक मॉडल
हरदीप पुरी ने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा आधारित लाइसेंसिंग, साझा बुनियादी ढांचा, गैस कीमत सुधार, और महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य भारत को ऊर्जा महाशक्ति बना रहे हैं। आज भारत सिर्फ ऊर्जा उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक ऊर्जा नीति में नायक की भूमिका निभा रहा है।